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इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र में लगभग 190 मिलों में पेराई कार्य शुरू होने की संभावना है जिसमें लगभग 92 से 100 लाख टन चीनी का जोरदार उत्पादन होने की उम्मीद है।
2018 में सूखा पड़ने के कारण 2019-20 में पेराई प्रभावित हुई थी, जिसमें राज्य की 545.26 लाख टन की पेराई दर्ज की गई थी और 61.61 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। सूखाग्रस्त मराठवाड़ा और अहमदनगर में अधिकांश मिलें गन्ने की कमी के कारण बंद रही।
हालांकि, महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज़ फेडरेशन ने अनुमान लगाया है कि राज्य में 900 लाख टन पेराई और 101 लाख टन चीनी के उत्पादन की रिपोर्ट दर्ज होगी।
एक सूत्र का कहना है कि सहकारी क्षेत्र के लिए एक प्रमुख चिंता बैंकों से वित्त की उपलब्धता भी है। कहा जाता है कि सरकार सहकारी चीनी मिलों की स्थिति को आसान बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।