इफको बाजार के माध्यम से गांवों तक ई-कॉमर्स को ले जाने के लिए, दिग्गज उर्वरक कंपनी इफको ने भारत सरकार की पहल “कॉमन सर्विसेज सेंटर” (सीएससी) के साथ एक करार किया है।
इफको के एमडी डॉ यूएस अवस्थी, विपणन निदेशक योगेंद्र कुमार और सीएससी के सीईओ दिनेश त्यागी की मौजूदगी में इसकी घोषणा शुक्रवार को की गई।
घोषणा के साथ, अब 3.90 “लाख ग्राम स्तरीय उद्यमी” (वीएलई) ई -बाजार मंच के माध्यम से किसानों के लिए विभिन्न उर्वरकों और कृषि आदानों के लिए ऑनलाइन ऑर्डर दे सकते हैं। वीएलई प्रत्येक ऑर्डर पर 4 प्रतिशत का अतिरिक्त कमीशन अर्जित करेंगे और सामान सीधे ग्राहक के पते पर वितरित किए जाएंगे।
हजारों वीएलई को विडियो के माध्यम से संबोधित करते हुए, डॉ यूएस अवस्थी ने कहा कि इफको और सीएससी के बीच साझेदारी से देश के किसानों की स्थिति बदलने में मदद मिलेगी। अंतिम मील वितरण हमारी गतिविधियों का एक महत्वपूर्ण पहलू है और सीएससी के साथ साझेदारी हमें किसानों और नागरिकों तक विश्वसनीय कृषि प्रोडक्ट की आपूर्ति करने में मदद करेगी”, उन्होंने कहा।
उन्होंने कहा, “हमारे देश में भाषा की समस्या है परंतु हमारी ई- कॉमर्स वेबसाइट 12 विभिन्न भाषाओं में चलती है और हमारे पास सभी प्रकार के उत्पाद हैं।
“हम किसानों को नैनो उर्वरक, जिंक और कॉपर उपलब्ध कराने की प्रक्रिया में लगे हैं। 500-सीसी की बोतल का नैनो एक बैग यूरिया के बराबर काम करती है और यूरिया के एक बैग की तुलना में कीमत 10 प्रतिशत कम है। यहाँ तक कि सरकारी सब्सिडी की भी कोई जरूरत नहीं है।
“हमें उम्मीद है कि हमें इस संबंध में सरकार से एक महीने के अंदर मंजूरी मिल जाएगी और कलोल (गुजरात) में हम एक नैनो संयंत्र स्थापित करेंगे, अवस्थी ने प्रतिभागियों को बताया।
सीएससी के सीईओ – दिनेश त्यागी ने कहा, “किसानों और उपेक्षित समुदाय, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों, की सेवा करने के सरकार के एजेंडे को आगे बढ़ाने में इफको के साथ हमारी साझेदारी एक महत्वपूर्ण कदम है।
त्यागी ने उर्वरक बेचने के लिए लाइसेंस प्रक्रिया को हटाने का आग्रह सरकार से किया क्योंकि लाइसेंस लेने में कई समस्याएं आती हैं और इसलिए लाइसेंस प्रक्रिया को हटाने की आवश्यकता है।
इफको के विपणन प्रमुख योगेंद्र कुमार ने कहा कि दोनों के बीच साझेदारी न केवल व्यापार को बढ़ाएगी बल्कि किसानों को उचित दरों पर अच्छी गुणवत्ता वाले उत्पाद प्रदान करेगी।
उन्होंने कहा कि इफको पूरे देश में सीएससी के नेटवर्क का उपयोग नीम फल (निमोली) खरीदने के लिए करेगा, जिसका उपयोग जैव कीटनाशक बनाने के लिए किया जाता है।