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मिश्र को वापस लेने को एनसीयूआई नहीं है तैयार

जानकार सूत्रों का कहना है कि एनसीसीटी के मुद्दे पर केंद्र सरकार और एनसीयूआई के बीच तालमेल बन जाने की सूरत में एनसीसीटी के सचिव मोहन मिश्र की स्थिति डांवाडोल हो जाएगी। एनसीयूआई के एक बड़े वर्ग का मानना है कि एनसीसीटी को एनसीयूआई से अलग करने में मिश्र की भूमिका अच्छी नहीं रही है।

कहा जाता है कि मोहन मिश्र ने ही एनसीयूआई को एनसीसीटी से अलग करने के लिए पूर्व कृषि मंत्री राधामोहन सिंह के कान भरे थे ।

“भारतीयसहकारिता” ने पहले एक खबर प्रकाशित की थी जिसमें हमने बताया था कि कैसे राधा मोहन सिंह ने एनसीयूआई के अध्यक्ष चंद्रपाल सिंह यादव के सामने मिश्र को इस बात के लिये मजाक-मजाक में ही बधाई दी थी। खबर के तुरंत बाद, पूर्व मंत्री के करीबी ने “भारतीयसहकारिता” से प्रकाशित कहानी का स्रोत जानने के लिये संपर्क किया था, जिसे हमेशा की तरह हमने बताने से इनकार कर दिया था।

इस बीच, मिश्र एनसीयूआई में वापस आने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि अपनी वापसी के लिए उन्होंने कई बार एनसीयूआई के अध्यक्ष डॉ चंद्र पाल सिंह से संपर्क किया है। हालांकि एक राजनेता होने के नाते, यादव ने कभी अपना गुस्सा जाहिर नहीं किया लेकिन मिश्र द्वारा रचे गये षडयंत्र को वे इतनी जल्दी नहीं भूल सकते, एक स्रोत ने बताया।

एनसीयूआई के एक अधिकारी ने कहा कि मिश्र की तुलना “त्रिशंकु” से की जा सकती है क्योंकि एक ओर मंत्रालय में वह शामिल होने में सफल नहीं हो पाये और दूसरी और एनसीयूआई में उनकी वापसी असंभव लगती है।

एनसीयूआई के शीर्ष अधिकारियों में से एक का कहना है कि एनसीयूआई से एकतरफा प्रस्थान की घोषणा करने वाला उनका पत्र अभी भी पुरानी फाइलों में मौजूद है। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई तरीका नहीं है जिससे मिश्र यह कह सकें कि उन्होंने ऐसा नहीं लिखा था।

एनसीयूआई में लौटने के लिए मिश्र की छटपटाहट का कारण स्पष्ट हैं। मिश्र को पता है कि एनसीयूआई ने एनसीसीटी के मुद्दे पर कृषि मंत्रालय के साथ अपने मतभेदों को सुलझा लिया है और जल्द ही एक समझौता होने वाला है।

खबरें यह भी हैं कि अदालत में गये इस मामले को अदालत के बाहर सुलझाया जा चुका है। दोनों पक्षों के बीच बैठक हुई है।

“भारतीयसहकारिता” को पता लगा है कि दोनों पक्षों के बीच हुई बैठक में मंत्रालय ने कुछ शर्तों पर एनसीयूआई को एनसीसीटी सौंपने का मन बना लिया है। शर्त यह है कि बोर्ड के 50 प्रतिशत सदस्य मंत्रालय से हों। समझौते के अनुसार, 20 से अधिक सदस्य वाले बोर्ड का चेयरपर्सन एनसीयूआई का अध्यक्ष ही होगा।

वर्तमान में केंद्रीय कृषि मंत्री एनसीसीटी बोर्ड के अध्यक्ष और अपर सचिव उपाध्यक्ष हैं। यह व्यवस्था पुराने ढांचे की बहाली के साथ समाप्त हो जाएगी और एनसीयूआई का अध्यक्ष ही प्रशिक्षण निकाय का प्रमुख होगा, सूत्र ने बताया।

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