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इफको: शंकाओं का हुआ निपटारा; एजीएम 26 अगस्त को होना तय

बहु-राज्य सहकारी समितियों के बीच एजीएम संचालित करने के तौर तरीके के बारे में शंकाओं को दूर करते हुएउर्वरक सहकारी संस्था इफको ने 26 अगस्त को एजीएम आयोजित करने की घोषणा कर दी है।

इस पर ज्यादा जानकारी देते हुए इफको के निदेशक (एचआर) आर पी सिंह ने कहा कि एजीएम पर निर्णय लेने की तत्काल जरूरत थी क्योंकि इफको से जुड़ी 36 हजार से अधिक सहकारी समितियां एजीएम पर निर्भर होती हैं।

“एजीएम में सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंड का पालन करने के लिए बड़े पैमाने पर तैयारी चल रही है। हालांकि इस बार हमने अपनी एजीएम में “को-ऑपरेटिव लंच” का कार्यक्रम नहीं रखा है, जो प्रत्येक एजीएम में होता था”, सिंह ने रेखांकित किया।

सिंह ने आगे कहा कि इफको एजीएम में 200 से अधिक सदस्य उपस्थित नहीं होंगे। अन्य सभी सदस्य मोबाइल फोन के माध्यम से एजीएम में भाग लेंगे जिसके लिए इफको की आईटी टीम तकनीक विकसित करने पर काम कर रही है। इफको के राज्यों में फैले विपणन कार्यालयों के अलावा, इस तरह का आयोजन देश भर में 115 स्थानों पर होगा, जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जाएगा।

हालांकि एजीएम के मौके पर मुख्यालय में लगभग 200 सदस्यों के आने की उम्मीद है, केवल 50 लोगों को बड़े सभागार में बैठाया जाएगा और बाकी अन्य लोगों को हॉल में जगह दी जाएगी और वे तकनीक के माध्यम से मुख्य कार्यक्रम से जुड़े रहेंगे, सिंह ने स्पष्ट किया और बताया कि इफको कोविड-19 के भय को कितनी गंभीरता से ले रहा है।

इफको के निदेशक ने कहा कि देश भर में सैकड़ों छोटी सहकारी समितियां हैं, जो अपना काम चलाने के लिए इफको के लाभांश पर निर्भर हैं। सामान्य समय की अपेक्षा तीन महीने से अधिक की देरी के कारण उन्हें कठिनाईयों का सामना पड़ रहा है। स्मरणीय है कि इफको का लाभांश सदस्यों के बैंक खाते में एजीएम के दिन ही स्थानांतरित किया जाता है।

बता दें कि सहकारी क्षेत्र में इफको सबसे पहले अपनी एजीएम का आयोजन करता है। आमतौर पर मई में होने वाले आयोजन को कोविड के मद्देनजर स्थगित करना पड़ा। अब इफको ने संबन्धित डीएम को एक विस्तृत पत्र लिखकर कार्यक्रम के बारे में सूचित किया है और 200 सदस्यों की एक सभा के लिए अनुमति मांगी है।

हालांकि डीएम से जवाब नहीं मिला है, हमें विश्वास है कि अनुमति मिल जाएगी, सिंह ने उनके आत्मविश्वास के पीछे के कारणों को समझाते हुए कहा। सिंह ने आगे कहा, “सामान्यतया प्रतिदिन इफको मुख्यालय में लगभग 200 आगंतुक आते हैं और हमने इतने ही लोगों की अनुमति के लिए अनुरोध किया है क्योंकि उस दिन हम सामान्य आगंतुकों के लिए अपने कार्यालय को बंद रखने वाले हैं”, सिंह ने कहा।

कोरम के मुद्दे का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा, “इसमें समस्या नहीं होगी, क्योंकि 850 प्रतिनिधियों की कुल संख्या का पांचवाँ  भाग 200 से कम होता है। यदि कोरम पूरा नहीं होता है तो एजीएम को स्थगित किया जा सकता है और कुछ समय बाद फिर से बुलाया जा सकता है, जब कोरम  की कोई बात नहीं होगी”, सिंह ने मुद्दे की जटिलता को समझाते हुए कहा। “संक्षेप में, एजीएम निश्चित रूप से होगा”, उन्होंने जोर दिया।

यह संभव है कि कुछ निदेशक व्यक्तिगत रूप से एजीएम में शामिल न हों। लेकिन अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और एमडी एजीएम में रहेंगे। इसके अलावा, इस मौके पर छह से अधिक कार्यात्मक निदेशक उपस्थित रहने वाले हैं।

हालांकि इफको ने सभी प्रतिनिधियों को निमंत्रण भेजा है, लेकिन उम्मीद है कि ज्यादातर प्रतिनिधि पड़ोसी राज्यों जैसे पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, आदि से ही भाग लेंगे।

एजीएम आकार में छोटा हो सकता है लेकिन उत्साह में नहीं क्योंकि इस वित्तीय वर्ष में इफको ने उर्वरकों के उच्चतम उत्पादन, बिक्री, लाभ और प्रेषण हासिल करके इतिहास रचा है। इसने कर पश्चात (पीएटी) 1,005 करोड़ रुपये का सबसे अधिक शुद्ध लाभ दर्ज किया, क्योंकि वित्त वर्ष 2019-20 में समूह का कारोबार 57,778 करोड़ रुपये का था।

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