मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, भ्रष्टाचार रोधी शाखा (एसीबी) ने जम्मू और कश्मीर सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष मोहम्मद शफी डार सहित तीन लोगों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने श्रीनगर की “रिवर झेलम कोऑपरेटिव हाउस बिल्डिंग सोसाइटी” नाम की एक ऐसी गैर-सहकारी सहकारी समिति को 250 करोड़ रुपये का ऋण दिया है जिसका अस्तित्व ही नहीं हैं।
तीनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
जांच से पता चला कि सहकारी समितियों के पूर्व-रजिस्ट्रार और पूर्व-डिप्टी रजिस्ट्रार भी साजिश रचने में शामिल थे।
एक सूत्र का कहना है कि आरोपी द्वारा समिति का एक फर्जी पंजीकरण प्रमाण पत्र बनाया गया था।