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मल्टी स्टेट को-ऑप बैंकों को वर्चुअल एजीएम की अनुमति लेकिन समितियों को नहीं

मंगलवार शाम को एक परिपत्र जारी करते हुए, सेंट्रल रजिस्ट्रार के कार्यालय ने मल्टी-स्टेट सहकारी बैंकों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वार्षिक सामान्य बैठकों (एजीएम) की अनुमति दे दी है।

अफसोस की बात है कि यह अनुमति केवल मल्टी स्टेट को-ऑप बैंकों को ही मिली है। मल्टी स्टेट को-ऑप सोसाइटी के सदंर्भ में कुछ नहीं कहा गया है।

सभी मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव बैंकों, सहकारी समितियों के सभी रजिस्ट्रारों और अन्य हितधारकों को संबोधित एक पत्र में, सेंट्रल रजिस्ट्रार ने कुछ दिशानिर्देश बनाए हैं जिसका सभी को आभाषी एजीएम आयोजित करते हुए पालन करना होगा।

परिपत्र में कहा गया है कि एमएससीएस नियम, 2002 में निर्धारित बैंकों को एजीएम के लिए प्रत्येक सदस्य को चौदह दिन का आग्रिम नोटिस दिया जाता है लेकिन अब अग्रिम सूचना तीस दिनों से कम की नहीं दी जाएगी। बैंक सभी सदस्यों को ऑनलाइन एजीएम के बारे में एक एसएमएस/ईमेल भेजेगा और नोटिस को बैंक की वेबसाइट के साथ-साथ सभी शाखाओं और कार्यालयों में डिजिटल रूप से या नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित किया जाएगा।

“यह सुनिश्चित करने के लिए कि प्रत्येक सदस्य को एजेंडे के बारे में सूचित किया गया है और बैठक में मतदान करने का अवसर दिया गया है, संबंधित बैंक की जिम्मेदारी होगी कि बैठक के लिए 30 दिनों का नोटिस भेजने से पहले वह उन सभी सदस्यों से उनके ईमेल पते के रजिस्ट्रेशन के लिए टेलीफोन पर या संचार के किसी अन्य मोड से संपर्क करे जिनके ई-मेल पते उनके साथ पंजीकृत नहीं हैं। इस दिशा में सभी प्रयास किए जाने चाहिए”, पत्र में लिखित है।

अन्य स्थितियों में व्यापक रूप से प्रसारित समाचार पत्रों में विज्ञापन के माध्यम से एक सार्वजनिक नोटिस प्रकाशित किया जाना शामिल है। साथ ही, हर तरह से एजीएम में सदस्यों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिए।

वर्चुअल एजीएम की मेजबानी करने और सभी की भागीदारी सुनिश्चित करने की ज़िम्मेदारी संबन्धित बैंक के अध्यक्ष की होगी। बैंक का अध्यक्ष यह कहते हुए एक हलफनामा प्रस्तुत करेगा कि इस दिशा में परिपत्र में निर्धारित सभी प्रयास किए गए हैं और स्पष्ट करेगा कि “यह एक सक्षम सुविधा है और यह केवल बहु-राज्य सहकारी बैंकों के लिए खुली होगी”।

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