सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी के पीड़ितों निवेशकों को बहु-प्रतीक्षित राहत देते हुए, सेंट्रल रजिस्ट्रार के कार्यालय ने सहारा को-ऑप के प्रबंधन से 31 अगस्त, 2020 तक सभी जमाकर्ताओं का बकाया भुगतान करने को कहा है।
सेंट्रल रजिस्ट्रार के कार्यालय ने निर्देश दिया कि सोसाइटी सितंबर के पहले सप्ताह तक अनुपालन रिपोर्ट भी जमा करेगी।
पाठकों को याद है कि सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी का मामला सेंट्रल रजिस्ट्रार की अदालत में है और इस मामले पर आखिरी सुनवाई 14 अगस्त 2020 को हुई थी। अब मामले में अगली सुनवाई 24 सितंबर, 2020 के लिए तय की गयी है।
पिछली सुनवाई आभाषीय रूप से हुई थी जिसमें सोसाइटी के अध्यक्ष- श्रीवास्तव, एमडी – करुणेश अवस्थी, लेखा प्रबंधक – एसएच हैदर और अन्य शामिल थे।
सेंट्रल रजिस्ट्रार के कार्यालय से जारी आदेश पत्र में लिखा गया है, “सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, लखनऊ (सोसाइटी) के प्रबंधन ने शेयर पूंजी, जमा और सदस्यों से एकत्रित धन से किए गए निवेश के बारे में पूरी वित्तीय जानकारी प्रस्तुत की है”।
“प्रबंधन ने आगे कहा है कि इस कार्यालय से प्राप्त शिकायतें सोसायटी में धन की कमी के कारण भुगतान के लिए लंबित हैं। वर्तमान में, इस तरह के शिकायतकर्ताओं को लगभग 55 करोड़ रुपये का भुगतान लंबित है”, जारी पत्र के अनुसार।
पत्र में आगे लिखा गया कि, “सोसाइटी के वित्तीय ढांचे का विवरण दर्ज किया गया है। आगे की कार्रवाई के संबंध में एक अलग आदेश इस प्राधिकरण द्वारा पारित किया जाएगा। इस बीच, सोसाइटी के प्रबंधन को 31 अगस्त, 2020 तक जमा करने वाले सभी जमाकर्ताओं का बकाया चुकाने के लिए निर्देशित किया गया है। सोसाइटी 1 सितंबर तक अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी”।
नए डिपॉजिट लेने पर रोक के आदेश का प्रभाव अगले आदेश तक जारी रहेगा।
प्रतिदिन “भारतीयसहकारिता” को लखनऊ स्थित “सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी” के भोले-भाले निवेशकों की ओर से कई मेल प्राप्त होते हैं, जो अपनी शिकायतों को हमारे साथ साझा करते थे और कई अवसरों पर हमने सोसाइटी के खिलाफ पीड़ितों की शिकायतों को प्रकाशित किया है।