पुणे स्थित वैकुंठभाई मेहता नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कोऑपरेटिव मैनेजमेंट (वामनीकॉम) ने हाल ही में एक वेबिनार का आयोजन किया, जिसका विषय ” कोविद -19 पश्चात सामूहिक, सहकारी और किसान उत्पादक संगठन के माध्यम से कृषि क्षेत्र को कायम रखना” था। इसमें केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला मुख्य अतिथि थे।
वेबिनार में कोविड-19 महामारी के दौरान कृषि को बनाए रखने के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था समेत अन्य विषयों पर चर्चा की गई।
इस अवसर पर बोलते हुए मुख्य अतिथि रूपाला ने कहा कि सहकारी समितियों को कोविड-19 से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए खुद को तैयार करना होगा।
वामनीकॉम की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, बाजार और किसानों के बीच अंतर को कम करने के लिए सार्वजनिक और नागरिक समाज के संगठनों के बीच प्रभावी सहयोग और साझेदारी का निर्माण कैसे किया जाए, इस पर चर्चा की गई।
इसके अलावा, वेबिनार में कोविड पश्चात चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की गयी। इस बात पर भी चर्चा की गयी कि परियोजना प्रबंधन एजेंसियों के लिए बेहतर मूल्यांकन तकनीक लाने और किसान उत्पादक संगठनों और कृषि को बढ़ावा देने में मदद की जाए।
वेबिनार में वुहान वायरस के मद्देनजर कृषि की फिर से कल्पना और पुनःआविष्कार की आवश्यकता को समझने और कृषि के माध्यम से एक बेहतर अर्थव्यवस्था के लिए रोड मैप बनाने के महत्व को रेखांकित किया गया।
कार्यक्रम में किसानों, कृषि वैज्ञानिकों, एफपीओ, शिक्षा, आईसीएआर-केवीके कृषि उद्योग जैसे विभिन्न क्षेत्रों के 600 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
वामनीकॉम के निदेशक डॉ के के त्रिपाठी के भाषण से वेबिनार का आरंभ हुआ। इस मौके पर नाबार्ड, यूनेस्कैप, आरआइएस, धानुका, कृषि सहयोग और किसान कल्याण विभाग, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय और एशियाई विकास बैंक के प्रतिष्ठित वक्ताओं ने प्रतिभागियों को संबोधित किया।