आंध्र प्रदेश स्थित ए पी महेश को आपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड (महेश बैंक) ने हाल ही में अपने अधिकारियों के लिए “कोविड-19 से उत्पन्न चुनौतियां – उत्पन्न अवसर और व्यापार लक्ष्य की प्राप्ति” विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया था।
महेश बैंक एक बहु-राज्य अनुसूचित बैंक है जिसकी कई राज्यों में 45 शाखाओं का नेटवर्क है।
इस अवसर पर बोलते हुए, बैंक के अध्यक्ष पुरुषोत्तमदास मंधाना ने कहा कि कोरोना महामारी ने न केवल देश की जीडीपी को बल्कि वित्तीय क्षेत्र को भी बड़े पैमाने पर प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि लाभ में कमी और तनावग्रस्त परिसंपत्तियों के समाधान के लिए प्रबंधन को अपनी व्यावसायिक रणनीतियों पर फिर से ध्यान देने की जरूरत है।
बैंक की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, अपने उद्बोधन में बैंक के अध्यक्ष एमेरिटस रमेश कुमार बंग ने कहा कि कोरोना के मद्देनजर बैंकिंग सेक्टर कई चुनौतियों का सामना कर रहा है और कर्मचारियों के दक्षताओं/ज्ञान/कौशल को बेहतर बनाने और प्रभावी कार्यान्वयन के लिए व्यापार रणनीतियों को बदलने की जरूरत है।
बैंक के एमडी और सीईओ उमेश चंद असावा ने कहा कि कोविड काल का व्यापार पर बुरा प्रभाव पड़ा है। कोरोना वायरस ने व्यक्तियों की जीवन शैली को भी बदल दिया है।
इस मौके पर प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए, पूर्व एमडी और ठाणे जनता सहकारी बैंक के सीईओ सतीश उटेकर ने भारतीय बैंकिंग पर कोविड-19 के प्रभाव पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि चूंकि बैंकिंग प्रतिष्ठान विनियामक और प्रतिस्पर्धी दबावों के कारण अपने कारोबार का लगातार विकास कर रहे हैं, संकट के बीच भविष्य के लिए रणनीति बनानी होगी।
उन्होंने कहा कि लोगों ने महसूस किया है कि किसी भी परिस्थिति में बैंकिंग सेक्टर चौबीसों घंटे सक्रिय रूप से काम कर रहा है और इससे ग्राहकों का विश्वास फिर से प्राप्त करने में सहायता मिली है। एक बात यह भी है कि कोविड ने अप्रत्याशित चुनौतियों को बदलने, महसूस करने, तैयार करने और संभालने का अवसर उत्पन्न किया है।
उन्होंने ग्राहक सेवा, तरलता प्रबंधन, परिसंपत्ति गुणवत्ता प्रबंधन, लाभप्रदता प्रबंधन, परिचालन प्रक्रियाओं, डिजिटल परिवर्तन और उत्पादकता, आदि विषयों पर भी बात की। उन्होंने बैंक के अधिकारियों द्वारा उठाए गए प्रश्नों का बेबाकी से उत्तर दिया।