गुजरात स्टेट कोऑपरेटिव यूनियन और गुजरात राज्य सहकारी क्रेडिट सोसाइटी फेडरेशन ने संयुक्त रूप से हाल ही में एक राज्य स्तरीय सहकारी वेबिनार का आयोजन किया। इस बेबिनार में गुजरात सरकार द्वारा शुरू की गई ‘मुख्यमंत्री महिला उत्कर्ष योजना’ की मुख्य विशेषताओं के बारे में सहकारी संस्थानों को अवगत कराया।
इसकी अध्यक्षता अहमदाबाद स्थित गुजरात राज्य सहकारी संघ के अध्यक्ष घनश्यामभाई अमीन ने की। इस अवसर पर अमीन ने कहा कि कोविड-19 ने हमारे देश सहित पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। केंद्र सरकार के साथ-साथ गुजरात सरकार ने भी कोविड-19 की चुनौतियों से निपटने के लिए कई राहत पैकेजों की घोषणा की है।
अमीन ने राज्य सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि सरकार ने सहकारी क्षेत्र पर भरोसा करते हुए छोटे कारोबारियों, कारीगरों, मजदूरों, दर्जी, सब्जी विक्रेताओं, बढ़ई और अन्य लोगों को ऋण देने का महत्वपूर्ण काम सौंपा। उन्होंने बताया कि सहकारी क्षेत्र ने लगभग 1.50 लाख लाभार्थियों को 1500 करोड़ रुपये का ऋण दिया है, फेडरेशन द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार।
अमीन ने आगे कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री विजयभाई रूपानी ने महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र और आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्रभाई मोदी के जन्मदिन के अवसर पर “महिला उत्कर्ष योजना” की घोषणा की।
इस योजना के तहत लगभग एक लाख स्वयं सहायता समूहों को ‘शून्य’ प्रतिशत ब्याज पर आर्थिक मदद की जाएगी। योजना के कार्यान्वयन के लिए 100 करोड़ रुपये की राशि रखी गयी है।
वेबिनार के मुख्य अतिथि और राजकोट नागरी सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष कल्पवभाई मनियार ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से “मुख्मंत्री महिला उत्कर्ष योजना” के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने यह भी बताया कि सहकारी समितियाँ फील्ड में कैसे काम करती हैं, समूहों का निर्माण कैसे करती हैं, सहकारी संस्थाएँ इस योजना से कैसे जुड़ सकती हैं और इस योजना में शामिल होने से उन्हें क्या लाभ होंगे।
जीआईपीएल के ज्वाइंट एमडी- आरएम पांड्या और गुजरात राज्य के सेवानिवृत्त संयुक्त रजिस्ट्रार – यूएम वासनवाला ने इस योजना के बारे में विस्तार से बताया कि किस तरह से इसे लागू किया जा सकता है। उन्होंने समितियों के प्रतिनिधियों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब भी दिए।
सेवनिवृत संयुक्त रजिस्ट्रार (सहकारी समिति) – जे जे शाह ने अपनी टिप्पणी में कहा कि इस योजना के क्रियान्वयन से पहले सहकारी संस्थाओं को शहरी स्तर पर जीयूएलएम के साथ और ग्रामीण स्तर पर जीएमपीसी के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर करना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने महिला समितियों को स्टैंप ड्यूटी से छूट दी है और इसलिए “सखी मंडल” को स्टैंप ड्यूटी लगाने की आवश्यकता नहीं होगी।
गुजरात राज्य सहकारी संघ के कार्यकारी अधिकारी डॉ राजेंद्र त्रिवेदी ने वेबिनार में उपस्थित विशेषज्ञों और गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया।
गुजरात स्टेट कोऑपरेटिव यूनियन की महिला समिति की चेयरपर्सन सुश्री भावनाबेन जडेजा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
पूरे वेबिनार का संचालन गुजरात सहकारी व्यपवस्थापन केंद्र के प्रधान अल्पेशभाई रावल ने किया।