गुरुवार को सहकार भारती के शीर्ष नेताओं ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ वर्चुअल तरीके से मुलाकात की। बैठक करीब एक घंटे तक चली, जिसमें नेताओं ने सहकारी क्षेत्र से जुड़े कई मुद्दों को उठाया।
वित्त मंत्री के साथ हुई बैठक के बारे में जानकारी साझा करते हुए, सहकार भारती के महासचिव उदय वासुदेव जोशी ने “भारतीयसहकारिता” को बताया कि मंत्री ने सहकार भारती द्वारा उठाए गए मुद्दों को धैर्यपूर्वक सुना और उन्हें 15 दिनों में ठोस प्रस्तावों के साथ वापस आने को कहा ताकि सरकार उन पर आगे काम कर सके।
“हालांकि इस अवसर पर हमने मंत्री के समक्ष कई मुद्दों को उठाया और बाद में एक इच्छा-सूची उन्हें भेजी गयी। हमने मुख्य रूप से चार बिंदुओं पर चर्चा की”, जोशी ने रेखांकित किया। इनमें से सबसे पहला मुद्दा क्रेडिट को-ऑप्स को आयकर अधिनियम की धारा ‘80पी’ के तहत राहत देने से जुड़ा था।
मंत्री की प्रतिक्रिया के आधार पर, हमें यह महसूस हुआ कि एफएम 80पी के मुद्दे को हल करने के लिए इच्छुक हैं। उन्होंने हमें एक ठोस प्रस्ताव तैयार करने और 15 दिनों में पुनः मिलने को कहा है।
सहकार भारती के नताओं ने दूसरा मुद्दा को-ऑप सेक्टर के लिए पूंजी की पर्याप्तता का उठाया। दुनिया भर में सहकारिता के अनुभवों का हवाला देते हुए, सहकार भारती ने मांग की कि देश के को-ऑप्स को शेयर जारी करने की अनुमति दी जाए।
सहकार भारती ने मंत्री के समक्ष पीएमसी बैंक का मुद्दा भी उठाया और मामले में आरएसएस निकाय द्वारा की गई कुछ पहलों में उनका समर्थन मांगा। “हम पीएमसी बैंक के पुनरुद्धार के लिए एक मंच बनाने की कोशिश कर रहे हैं जिस पर पीएमसी बैंक संकट को हल करने के लिए सक्रिय सभी छोटे समूहों को एक साथ मिलकर प्रयास करने के लिए लाया जाए”, जोशी ने बताया।
इस समूह में राम देश पांडे, सीए को समन्वयक के रूप में नामित किया गया है, जिसमें जमाकर्ता, निवेशक और अन्य हितधारकों के प्रतिनिधि शामिल हैं। जोशी भी समूह का एक हिस्सा है।
जोशी ने कहा कि मंत्री इस विचार से बहुत उत्साहित लग रही थीं और पीएमसी बैंक के मुद्दे को हल करने के लिए समूह को सभी तरह से मदद करने का आश्वासन दिया।
इन मुद्दों के अलावा, टीम द्वारा प्रस्तुत ज्ञापन में सहकारी व्यवसाय के लगभग सभी क्षेत्र समाहित हैं। हालांकि, मंत्री ने उपरोक्त तीन बिंदुओं पर एक पखवाड़े में शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया, लेकिन उन्होंने सरकार द्वारा अन्य मुद्दों पर विचार-विमर्श किए जाने के लिए एक महीने का समय मांगा।
अन्य मुद्दों में पीएसीएस, डेयरी, मत्स्य पालन, बुनकर को-ऑप और कई अन्य शामिल थे।
मंत्री के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में भाग लेने वाले चार सदस्यों में सतीश मराठे, रमेश वैद्य, उदय जोशी और संजय पाचपोर शामिल थे। सरकार की तरफ से मंत्री अकेले थीं। मीडिया कौशल में अप्रशिक्षित, सहकार भारती टीम ने बैठक की कोई तस्वीर नहीं ली।