कोरोना वायरस के मद्देनजर जब भारतीय बैंकिंग उद्योग को बढ़ते एनपीए की समस्या का सामना करना पड़ रहा है तब गुजरात स्थित कालूपुर वाणिज्यिक सहकारी बैंक ने शुद्ध एनपीए को एक बार फिर ‘शून्य’ पर बनाए रखने की परंपरा को कायम रखा है।
वित्त वर्ष 2019-20 में बैंक का सकल एनपीए 2.94 प्रतिशत से घटकर 1.53 प्रतिशत हो गया है व शुद्ध एनपीए ‘शून्य’ रहा। बैंक के अच्छे प्रदर्शन से उत्साहित, अध्यक्ष नवनीतभाई पटेल ने कहा, “हमने 2019-20 वित्त वर्ष में सभी वित्तीय मापदंडों पर अच्छा प्रदर्शन किया है। जब अन्य बैंक कोविड-19 के प्रकोप से जूझ रहे हैं तब हमारा बैंक 128 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हासिल करने में सफल रहा है।
उन्होंने आगे कहा, “यहाँ तक कि लॉकडाउन में भी हमारे कई उधारकर्ताओं ने अपने ऋण और ब्याज की राशि समय पर चुकाई है। हमने ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए कुछ ऋणों पर ब्याज दर में कमी की है। इसके अलावा, 31 मार्च 2020 को बैंक का कुल कारोबार 11,616.15 करोड़ रुपये से बढ़कर 12,755.27 करोड़ रुपये हो गया”, पटेल ने कहा।
“प्रतिकूल बाजार स्थितियों के बावजूद, बैंक की कुल जमा राशि 31.03.2019 की तुलना में 6,939.35 करोड़ रुपये से बढ़कर 31.03.2020 तक 7,837.03 करोड़ रुपये हो गई, जबकि कुल ऋण और अग्रिम 31.03.2019 तक 4676.80 करोड़ रुपये से बढ़कर 31.03.2020 को 4918.24 करोड़ रुपये हो गई”, उन्होंने आंकड़े साझा करते हुए कहा।
बैंक ने वित्त वर्ष 2019-20 में 128.5 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया है, जो पिछले वर्ष 122.72 करोड़ रुपये था। 31 मार्च 2020 तक, बैंक का सीआरएआर 17.60 प्रतिशत था। बैंक की शेयर पूंजी 91.55 करोड़ से बढ़कर 94.45 करोड़ रुपये हो गई है।
विभिन्न राज्यों में बैंक की 59 शाखाएँ हैं, जिनमें में से, 41 शाखाओं ने 100 करोड़ रुपये के व्यावसायिक मिश्रण को पार किया है, 23 शाखाओं ने 200 करोड़ रुपये का व्यावसायिक मिश्रण पार कर किया है। 28 शाखाओं में 100 करोड़ रुपये से अधिक की जमा राशि है और 9 शाखाओं के पास 100 करोड़ रुपये से अधिक की अग्रिम राशि है।
“आत्मनिर्भर गुजरात सहाय योजना” के तहत, बैंक ने 7 हजार से अधिक लाभार्थियों को 150 करोड़ रुपये वितरित किये हैं।
इस बीच बैंक ने 2 नवंबर 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपनी वार्षिक आम बैठक बुलाई है।
पाठकों को याद होगा कि बैंक वर्ष 2019-20 के दौरान गुजरात राज्य मुख्यमंत्री राहत कोष सहित 14 संगठनों को कोविड महामारी के लिए 1,19,79,000 रुपये का दान दिया है।