एनसीयूआई की शैक्षणिक संस्था एनसीसीई ने चीनी सहकारी समितियों के अध्यक्ष, निदेशकों और प्रबंध निदेशक के लिए तीन दिवसीय ऑनलाइन नेतृत्व विकास कार्यक्रम का आयोजन किया।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य संचालन प्रमुखों को इस सेक्टर पर कोविड-19 के प्रभाव और चीनी उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए हाल के विश्वव्यापी घटनाक्रमों, खेत और कारखाने के स्तर पर उत्पादकता के बारे में अवगत कराना था।
प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर), नई दिल्ली; इंडियन इंस्टीट्यूट फॉर शुगर रिसर्च (आईआईएसआर), लखनऊ; राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) और नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज़ के प्रसिद्ध वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने कार्यक्रम में भाग लिया।
इस मौके पर किसानों की बेहतर कमाई के लिए गुणवत्ता उत्पादन, मूल्य संवर्धन और विपणन तकनीकों के लिए अभिनव तरीकों और प्रक्रियाओं को अपनाने पर जोर दिया गया।
विशेषज्ञों ने इथेनॉल और कागज आदि जैसे अन्य रूपों में चीनी उत्पादों के विविधीकरण की बात की और भारत को दुनिया में चीनी का सबसे बड़ा उपभोक्ता होने पर चर्चा की जिसने पिछले वित्तीय वर्ष में 60 लाख टन चीनी का रिकॉर्ड निर्यात हासिल किया है।
इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र, पंजाब, यूपी और उत्तर पूर्व की चीनी सहकारी समितियों से जुड़े प्रतिभागियों ने भाग लिया और कार्यक्रम की सराहना की।
कार्यक्रम का समन्वयन रमेश कौल, उप-निदेशक (एनसीसीई) ने किया।