कोरोना महामारी के कारण लगभग सालभर की हुई देरी के बाद आखिरकार सिक्किम इफको ऑर्गेनिक्स लिमिटेड की महत्वाकांक्षी एकीकृत जैविक खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों का भूमि-पूजन रांगपो (पूर्व सिक्किम) में पिछले सप्ताह सिक्किम विधानसभा अध्यक्ष एल बी दास और कृषि मंत्री लोक नाथ शर्मा की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।
भारतीय सहकारिता से बातचीत में प्रोजेक्ट के मुख्य परिचालन अधिकारी मयंक परिहार ने फोन पर कहा कि सिक्किम के तीनों धर्मों – हिंदू, बौद्ध और ईसाई मिश्रित आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाले पुजारियों ने भूमि-पूजन सम्पन्न कराया। हमारे एमडी मनीष गुप्ता ने व्यक्तिगत रूप से भूमि-पूजन से जुड़ी सभी गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखी थी।
बता दें कि सिक्किम इफको ऑर्गेनिक्स- इफको और सिक्किम सरकार के बीच एक संयुक्त उद्यम है, जिसका उद्देश्य देश में जैविक उत्पादों को बढ़ावा देना और विपणन करना है, खासकर सिक्किम और देश के अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में।
पाठकों को याद होगा कि सिफको की आधारशिला पिछले साल राज्य के सीएम, केंद्रीय कृषि मंत्री और इफको एमडी की उपस्थिति में रखी गई थी। मुख्य परिचालन अधिकारी ने बताया कि इसके दिसंबर तक चालू होने की उम्मीद थी लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण देरी हुई।
परिहार ने कहा कि हालांकि विदेशी एजेंसियों के साथ किए गए व्यापार समझौते लागू हैं और वास्तव में सिफको फरवरी में जर्मनी और इटली में अपनी एजेंसियों के माध्यम से अदरक का कारोबार शुरू करने जा रहा है।
इफको के लिए इसे एक विशाल कदम बताते हुए, इसके एमडी डॉ यूएस अवस्थी ने कहा कि देश के किसानों के लिए टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल कृषि के साथ इस नए दशक की शुरुआत करना इफको का उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि सिफको दुनिया भर में इन प्रमाणित जैविक उत्पादों को बढ़ावा देने और सिक्किम राज्य की 100% जैविक छवि को बढ़ाने में सक्षम होगा।
रंगपो (पूर्वी सिक्किम) में स्थित एकीकृत जैविक खाद्य प्रसंस्करण इकाई को 50 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के साथ शुरू किया जा रहा है। जिन प्रमुख वाणिज्यिक फसलों में सिक्किम इफको संचालित होगा, वे अदरक, हल्दी, बड़ी इलायची और मोथी हैं। सभी सिफको उत्पादों को 100% जैविक, इसलिए, प्रकृति में विषरहित प्रमाणित किया जाएगा।
इसका उद्देश्य भारत सरकार द्वारा किसानों की आय दोगुनी करने के मिशन को पूरा करना भी है।