नेफकॉब के अध्यक्ष ज्योतिंद्र मेहता और डोलाराइ कोटेचा को गुजरात अर्बन कोऑपरेटिव बैंक फेडरेशन (जीयूसीबीएफ) के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुना गया है। चुनाव हाल ही में फेडरेशन के अहमदाबाद स्थित मुख्यालय में हुआ था।
मेहता छठी बार अध्यक्ष और कोटेचा पांचवीं बार उपाध्यक्ष के रूप में चुने गये हैं। गुजरात के दिग्गज सहकारी नेता मेहता शहरी सहकारी बैंकों की शीर्ष संस्था नेफकॉब के भी अध्यक्ष हैं।
सहकार भारती के संरक्षक के रूप में कार्य करते हुए, मेहता एनसीयूआई की गवर्निंग काउंसिल के भी सदस्य हैं। इस चुनाव के लिए आरबीआई के पूर्व महाप्रबंधक जेपी मिस्त्री को रिटर्निंग ऑफिसर के रूप में नियुक्त किया गया था। बता दें कि फेडरेशन के बोर्ड में 21 निदेशक होते हैं और इस बार 21 निदेशकों में से केवल तीन कांग्रेस से ताल्लुक रखते हैं और बाकी भारतीय जनता पार्टी के समर्थक हैं। इस बार नई बोर्ड में नौ निदेशक पहली बार चुने गये हैं।
भारतीय सहकारिता से बात करते हुए, मेहता ने कहा, “गुजरात शहरी सहकारी बैंक महासंघ का पूरा चुनाव निर्विरोध हुआ। नई टीम के साथ मिलकर हम यूसीबी से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे और उन्हें राज्य सरकार के समक्ष भी रखेंगे। मुझे लगातार छठी बार अध्यक्ष चुना गया है”, उन्होंने कहा।
“हम 100 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार कर रहे शहरी सहकारी बैंकों में बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट के कार्यान्वयन के लिए प्रयास करेंगे। हम भारतीय रिज़र्व बैंक से यूसीबी में बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट का गठन करने के लिए छह महीने का और विस्तार देने का अनुरोध करेंगे। फिलहाल आरबीआई की समय सीमा दिसंबर 2020 तक है”, मेहता ने बताया।
उन्होंने आगे कहा कि “आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि भारत में यूसीबी का नेट एनपीए 7.2 प्रतिशत है जबकि अगर हम गुजरात राज्य में यूसीबी के एनपीए की बात करें तो इन बैंकों का नेट एनपीए 0.45 प्रतिशत और सकल एनपीए 3.4 प्रतिशत है। हमारे राज्य में यूसीबी अच्छा काम कर रहे हैं और विकास की राह पर हैं।”
पाठकों को याद होगा कि लॉकडाउन के दौरान राज्य के यूसीबी ने छोटे व्यापारियों की मदद करने के उद्देश्य से “आत्मनिर्भर गुजरात सहाय योजना” (एजीएसवाई) में एक प्रमुख भूमिका निभाई थी। इस योजना के तहत राज्य के यूसीबी ने छोटे व्यापारियों, कुशल श्रमिकों, ऑटो रिक्शा मालिकों, नाइयों, पटरी विक्रेताओं और अन्य लोगों के हितों को बढ़ावा देकर उन्हें आसान ऋण प्रदान किया।
गुजरात को-ऑपरेटिव सोसाइटी एक्ट, 1961 के प्रावधानों के अनुसार 1975 में अहमदाबाद में स्थापित, गुजरात अर्बन को-ओपे रेटिव बैंक फेडरेशन (जीयूसीबीएफ) गुजरात में 218 शहरी सहकारी बैंकों का सर्वोच्च निकाय है। इसका उद्देश्य शहरी सहकारी बैंकिंग क्षेत्र से संबंधित मुद्दों को उठाना है।
इस बीच, मेहता के सोशल मीडिया हैंडल फेसबुक पर उनके समर्थकों और शुभचिंतकों ने जमकर बधाई दी।