सहकार भारती के नेताओं ने पिछले सप्ताह केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से उनके कार्यालय में मुलाकात की और इस महीने दिल्ली में आयोजित होने वाली राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेने के लिए उन्हें आमंत्रित किया।
इस कॉन्फ्रेंस में अन्य मुद्दों के अलावा सहकारी समितियों के लिए धन और पूंजी जुटाने के मुद्दे पर चर्चा होगी।
बैठक में सहकार भारती के संस्थापक और आरबीआई सेंट्रल बोर्ड के निदेशक सतीश मराठे, राष्ट्रीय महासचिव उदय जोशी और राष्ट्रीय संगठन सचिव संजय पचपोर सहित सहकार भारती के अन्य नेता मौजूद थे।
जानकारी साझा करते हुए सतीश मराठे ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री की पुष्टि के बाद तिथि और स्थल को अंतिम रूप दिया जाएगा, लेकिन इसे 14 से 18 दिसंबर 2020 के दरम्यान आयोजित किया जाएगा।
भारतीय सहकारिता के साथ फोन पर बातचीत में सतीश मराठे ने कहा, “हमने केंद्रीय वित्त मंत्री को इस महीने के तीसरे सप्ताह में आयोजित होने वाली राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन करने के लिए आमंत्रित किया है। मंत्री की पुष्टि के बाद, हम तारीख और स्थल को अंतिम रूप देंगे। लेकिन संभावना है कि इसका आयोजन कॉन्स्टिट्यूशन क्लब या अशोका होटल में किया जाएगा”।
वित्त मंत्री के रूख से उत्साहित मराठे ने कहा, “मुझे यकीन है कि वह इसमें भाग लेंगी और सम्मेलन का उद्घाटन करेंगी, जिसमें राज्य के सहकारी पंजीयक, केंद्रीय रजिस्ट्रार, अधिवक्ता, सीए, एनसीयूआई के अध्यक्ष, आईसीए के क्षेत्रीय निदेशक समेत अन्य लोगों को आमंत्रित किया जाएगा। पूर्व मंत्री सुरेश प्रभु भी सम्मेलन का हिस्सा होंगे।”
मराठे ने आगे कहा कि सम्मेलन का उद्देश्य सरकार से अच्छी सहकारी समितियों के लिए पूंजी जुटाने के लिए मंच प्रदान करने का अनुरोध करना है। उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री से हमारी मांगों पर विचार करने का अनुरोध किया है।
“आधे घंटे तक चली बैठक में, मंत्री हमारे मुद्दों को लेकर सकारात्मक थी और उन्होंने हमें सम्मेलन में भाग लेने और इस विषय पर विचार-विमर्श करने का आश्वासन दिया है। इसके अलावा उन्होंने हमारे मुद्दों को धैर्य से सुना और उन्हें हल करने के लिए उत्सुकता दिखाई”, मराठे ने कहा।
सहकार भारती, सरकार के समक्ष सहकारिता से जुड़े मुद्दों को हमेशा उठाती रही है, चाहे वह आयकर का मुद्दा हो या सीएए का। सहकार भारती कभी सरकार के समक्ष मुद्दों पर आवाज उठाने से पीछे नहीं हटी है।