मल्टीस्टेट शेड्यूल बैंक- काजिस सहकारी बैंक ने हाल ही में अपनी 58वीं वार्षिक आम बैठक वर्चूयली आयोजित की, जिसमें 3200 से अधिक सदस्यों ने भाग लिया। बैंक ने वित्त वर्ष 2019-20 में कई चुनौतियों के बावजूद भी सभी वित्तीय मापदंडों पर अच्छा प्रदर्शन किया है और बैंक का कुल कारोबार 3,461 करोड़ रुपये से बढ़कर 3,640 करोड़ रुपये हो गया है।
बैंक के वाइस-चेयरमैन चंद्रकांत चौगुले ने फोन पर “भारतीयसहकारिता” के साथ बात करते हुए कहा, “हमने अपनी एजीएम का आयोजन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया, जिसमें बड़ी संख्या में सदस्य ऑनलाइन जुड़े थे। बैंक परिसर में मौजूद प्रबंधन और अन्य शीर्ष अधिकारियों ने सदस्यों से सीधा संवाद किया। बाजार की प्रतिकूल परिस्थितियों में भी हमारे बैंक ने अच्छा प्रदर्शन किया”, उन्होंने कहा।
चौगुले ने आगे कहा, “31 मार्च 2020 को बैंक की कुल जमा राशि 2,081 करोड़ रुपये से बढ़कर 2,214 करोड़ रुपये हो गई है और ऋण और अग्रिम 1,380 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,425 करोड़ रुपये हो गया। इस वर्ष के दौरान बैंक कोविड महामारी, बाढ़, नए व्यापार संयोग की कमी और मुद्रास्फीति, आदि के कारण अपेक्षित स्तर तक क्रेडिट पोर्टफोलियो में वृद्धि नहीं कर सका।”
इसके अलावा, बैंक पिछले साल की तुलना में कासा डिपॉजिट बढ़ाने में भी सफल हुआ। कोविड-19 के मद्देनजर लॉकडाउन की घोषणा, जीडीपी में लगातार गिरावट, कोल्हापुर और सांगली जिलों में बाढ़, आर्थिक मंदी, आदि के कारण पूरा बिजनेस पूरी तरह से प्रभावित रहा। जिसका प्रभाव बैंकों के एनपीए पर पड़ा। 31 मार्च 2020 तक सकल एनपीए 128.09 करोड़ रुपये रहा। उन्होंने कहा कि सकल एनपीए 8.88 प्रतिशत है और शुद्ध एनपीए 6.30 प्रतिशत है।
उन्होंने आगे कहा, “बैंक ने कुल 226.30 करोड़ रुपये की आय अर्जित की है। इस वित्त वर्ष के दौरान कुल 218.59 करोड़ रुपये का व्यय और 15.94 करोड़ रुपये का सकल लाभ हुआ। 8.23 करोड़ रुपये के आवश्यक प्रावधान करने के बाद, बैंक ने 7.71 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया है। इससे पहले सकल लाभ 24.27 करोड़ रुपये था और शुद्ध लाभ 10.67 करोड़ रुपये था।
चौगुले ने अन्य बातों के अलावा, 2020-21 के वित्तीय वर्ष के लिए लागू एनपीए के मानदंड में वर्तमान 90 दिनों से 180 दिनों तक बदलाव की मांग की।
बैंक की महाराष्ट्र राज्य में 40 और कर्नाटक में 4 शाखाएं हैं।