एपी महेश अर्बन कोऑपरेटिव बैंक के चुनाव से संबंधित मामले में पहली सुनवाई पिछले हफ्ते गुरूवार को हुई। अपने आदेश में तेलंगाना उच्च न्यायालय ने रिटर्निंग ऑफिसर को वोटों की गिनती करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने परिणामों को सीलबंद लिफाफे में सौंपने को कहा।
रिटर्निंग ऑफिसर और निवर्तमान वरिष्ठ उपाध्यक्ष रमेश कुमार बुंग की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने अंतिम चार बूथों के मतों की गिनती करने और सील बंद लिफाफे में परिणाम प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।
इस मामले में अगली सुनवाई 28 दिसंबर 2020 यानि आज होगी। आरओ एस्टर रानी जॉन की टिप्पणी के लिए भारतीय सहकारिता ने उनसे संपर्क किया लेकिन बात नहीं हो पाई।
इस बीच, भगवती बलदेवा के नेतृत्व वाले विपक्षी पैनल ने रमेश बंग के खिलाफ अदालत में एक याचिका भी दायर की है जो ‘संस्थापक’ पैनल का नेतृत्व करते हैं।
विपक्षी पैनल का तर्क है कि चुनाव में ईवीएम की संख्या कम होने की वजह से उनके वोटर अपने मतदान के अधिकार का प्रयोग नहीं कर पाए। इसके अलावा, रमेश बंग ने अपना वोट बैंक बढ़ाने के लिए एक ही दिन में 800 गोल्ड लोन मेंबर बनाए।
विपक्षी पैनल बैंक में प्रशासक की नियुक्ति की भी मांग कर रहा है।
स्मरणीय है कि इससे पहले मतगणना के दिन, आंध्र प्रदेश राज्य चुनाव आयोग ने अंतिम चार बूथों के लिए मतगणना रोकने का आदेश दिया था। कुल 61 ईवीएम को अलग-अलग मतदान केंद्रों में स्थापित किया गया था। यह पहली बार था जब बैंक का चुनाव ईवीएम के माध्यम से हुआ था। पहले यह बैलेट पेपर के माध्यम से आयोजित किया जाता था।
रमेश बंग और भगवती बलदेवा के नेतृत्व वाले दो पैनल-‘संथापक’ पैनल और ‘फाउंडर’ पैनल ने चुनाव लड़ा था। प्रत्येक पक्ष ने 15-15 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था।
ऐसा कहा जाता है कि अंतिम मतगणना तक के नतीजे रमेश बंग के नेतृत्व वाले संस्थापक पैनल के पक्ष में थे, लेकिन अंतिम समय में विपक्षी पैनल के नेताओं ने मतगणना केंद्र पर हंगामा खड़ा कर दिया,जिससे वोटों की गिनती रोकनी पड़ी।