केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साहसपूर्वक नए कृषि सुधार कानून बनाए है। भारत सरकार के रिफार्म्स किसानों के लिए काफी मददगार साबित होंगे और इनसे उनका जीवन स्तर ऊंचा उठेगा।
तोमर ने यह बात भारत सरकार द्वारा किए गए ऐतिहासिक कृषि सुधारों पर वैकुंठ मेहता राष्ट्रीय सहकारी प्रबंध संस्थान द्वारा ग्रामीण स्वयंसेवी संस्थाओं के परिसंघ के साथ आयोजित नेशनल कांफ्रेंस में कही।
तोमर ने आगे कहा कि कृषि देश की अर्थव्यवस्था का बड़ा आधार है। जब-जब देश पर संकट आया, तब-तब गांवों की परंपराओं व अर्थव्यवस्था ने अपनी शक्ति स्थापित की है। कोविड संकट में भारत सरकार ने अपनी दूरदर्शिता का परिचय दिया। पीएम के नेतृत्व में अनेक कदम उठाए गए है । तोमर ने कोरोना संकट का जिक्र करते हुए भारतीय वैज्ञानिकों की श्रेष्ठ सोच व क्षमता को सराहा, जिन्होंने सफलतापूर्वक कोरोना के लिए वेक्सिन बना ली और उसका उपयोग भी प्रारंभ कर दिया है, वामनिकॉम की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक।
उन्होंने आगे कहा कि देश का चहुंमुखी विकास हो व भारत श्रेष्ठ राष्ट्र के रूप में स्थापित हो, इसके लिए प्रधानमंत्री जी देशवासियों के साथ कदम से कदम व कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं । खाद्यान्न में हमारा देश सरप्लस देश है, लेकिन कृषि क्षेत्र में असंतुलन भी है। बड़े व छोटे किसानों की परिस्थितियां भिन्न है, इसीलिए छोटे किसानों को सरकार की योजनाओं, सब्सिडी, एमएसपी, टेक्नालाजी, मार्केट लिंक आदि के लाभ देने के लिए सरकार ने अनेक उपाय किए हैं।
कृषि सुधारों को लेकर लंबे समय तक कृषि विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों, किसान संगठनों व अन्य विद्वानों ने काफी मंथन किया है। श्री स्वामीनाथन की अध्यक्षता में कमेटी भी बनी और काफी विचार-विमर्श के पश्चात कृषि के क्षेत्र में कानूनी बदलाव लाने की जरूरत महसूस करते हुए ये नए कानून लाए गए हैं। ये कानून पहले भी अपेक्षित थे लेकिन पहले की सरकार दबाव-प्रभाव में आगे नहीं बढ़ पाई। मोदी जी ने साहसपूर्वक कदम उठाया व दो नए कानून बनाए एवं एक में संशोधन किया, जिन्हें संसद के दोनों सदनों ने पारित किया, प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ये कानून किसानों की दशा-दिशा बदलने वाले, उन्हें कानूनी बंधनों से मुक्ति देने वाले, फसल का वाजिब दाम दिलाने वाले, महंगी फसल की ओर आकर्षित करने वाले, एफपीओ व फूड प्रोसिसिग से जोड़ने वाले हैं।
ये कानून किसानों के लिए काफी मददगार सिद्ध होंगे। जब भी कोई अच्छी चीज होती है तो उसमें बाधाएं आती है। देशभर में यह अम फैलाया जा रहा है कि एमएसपी खत्म होने जा रही है, लेकिन सरकार स्पष्ट कर चुकी है कि एमएसपी जारी रहेगी, बल्कि एमएसपी पर खरीद भी बढ़ाई गई है। दलहन-तिलहन को भी एमएसपी में शामिल किया गया है।
प्रारंभ में स्वागत उदबोधन वैकुंठ मेहता राष्ट्रीय सहकारी प्रबंध संस्थान के निदेशक डा. के.के. त्रिपाठी ने दिया। फिक्की के पदाधिकारी श्री आर.जी. अग्रवाल, कृषि विशेषज्ञ डा. अमिताभ कुन्ड, डा. प्रवीण त्रिपाठी व श्री रवींद्र धारिया, कन्फेडरेशन आफ हार्टिकल्चर एसोसिएशन आफ इंडिया के चेयरमेन डा. एच.पी. सिंह, ग्रामीण स्वयंसेवी संस्थाओं के परिसंघ के महासचिव श्री बिनोद आनंद व प्रोफेसर डा. स्नेहा कुमारी ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में सैकड़ों संस्थाओं के पदाधिकारी वर्चुअल जुड़े हुए थे।