आईसीए द्वारा प्रकाशित वर्ल्ड कोआपरेटिव मॉनिटर रिपोर्ट के 2020 संस्करण में दुनिया में शीर्ष 300 सहकारी समितियों में अमूल ब्रांड नाम से अपने उत्पाद बेचने वाली गुजराती सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ लिमिटेड (जीसीएमएमएफ) ने दूसरे स्थान पर जगह बनाई है। यह रैंकिंग प्रति व्यक्ति सकल घरेलु उत्पाद (जीडीपी) पर कारोबार के अनुपात पर आधारित है।
भारत की फर्टिलाइजर कंपनी इफको के ठीक बाद अमूल ने दूसरे पायदन पर जगह बनाई है। इसके अलावा, ग्रुप क्रैडिट एग्रीकोल, ग्रुप बीपीसीई और ज़ेंकोरेन कंपनी ने तीसरे, चौथे और पांचवें स्थान पर अपना दावा ठोका है।
इस खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए जीसीएमएमएफ के प्रबंध निदेशक आर एस सोढ़ी ने भारतीय सहकारिता से कहा, “हाँ यह रैंकिंग सही है। हम देश की अर्थव्यवस्था में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। इसके लिए में सभी को बधाई देता हूं।”
उन्होंने आगे कहा, “जीसीएमएमएफ निस्वार्थ और समर्पित राजनीतिक नेतृत्व के संलयन का सबसे अच्छा उदाहरण है और किसानों और पशुपालकों के आर्थिक उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है।”
इंटरनेशनल कोआपरेटिव एलायंस (आईसीए) तथा द यूरोपियन रीसर्च इंस्टीट्यूट ऑन कोआपरेटिव एंड सोशल एंटरप्राइजेज ने बुधवार को एक अंतरर्राष्ट्रीय वेबिनार के दौरान वर्ल्ड कोआपरेटिव मॉनीटर का 2020 संस्करण लांच किया था।
यह आईसीए द्वारा प्रकाशित नौ वीं वार्षिक रिपोर्ट है जिसमें विश्व की प्रमुख सहकारी समितियों के आर्थिक और सामाजिक प्रभाव का जायजा लिया गया है तथा कोविड व जलवायु परिवर्तन जैसी वर्तमान वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए उनके द्वारा किए गए उपायों के विश्लेषण के आधार पर शीर्ष 300 की श्रेणी बनाई गई है। यह रैकिंग बताती है कि किसी उद्यम के कारोबार का देश की अर्थव्यवस्था में कितना योगदान है।
इस वर्ष के परिणाम सहकारी आंदोलन में सबसे बड़े संगठनों के अच्छे प्रदर्शन को दर्शाता है। शीर्ष 300 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) प्रति व्यक्ति रैंकिंग के कारोबार के अनुपात के आधार पर, इस साल इफको ने पहले और अमूल ने दूसरे स्थान पर जगह बनाई है।
डब्ल्यूसीएम रिपोर्ट से यह पता चलता है कि दुनिया के सबसे बड़े सहकारी संस्थाएं एसडीजी गोल को प्राप्त करने की दिशा में कैसे आगे बढ़ रही हैं, रिपोर्ट के मुताबिक।