नोएडा के पॉश इलाके में स्थित एनसीयूआई के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इंस्टीट्यूट को विश्व स्तरीय कैंपस बनाने के लिए शीर्ष सहकारी संस्था ने पिछले हफ्ते श्री विश्वकर्मा स्किल यूनिवर्सिटी के अधिकारियों के साथ बैठक की।
संस्था की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, लघु अवधि के पाठ्यक्रमों के जेडी कॉर्नेल उत्कर्ष राठौर ने कहा कि एसवीएसयू सहकारी समितियों के गठन और सहकारिता के क्षेत्र में व्यापक संभावनाओं का पता लगाने के लिए छात्र समुदाय को शामिल करके सर्वेक्षण का पूरा समर्थन करता है।
कॉर्नेल राठौर ने महसूस किया कि कुछ संस्थाओं और एसएचजी को विकसित करके छात्रों और अन्य लोगों को सहकारी मॉडल के बारे में बताया जा सकता है।
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इंस्टीट्यूट के दौरे के दौरान एनसीयूआई अध्यक्ष से हुई बातचीत पर प्रकाश डालते हुए एनसीयूआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एन सत्य नारायण ने कहा कि एनसीयूआई हैंडलूम, पोल्ट्री, डेयरी, आदि के क्षेत्र में एसवीएसयू के सहयोग से सहकारी समितियों को बढ़ावा देगी ताकि सहकारी उद्यमों की मदद से सहकारी व्यवसाय शुरू किये जा सके।
इसके अलावा, उन्होंने उल्लेख किया कि एनसीयूआई शैक्षिक पाठ्यक्रम, मॉड्यूल, शैक्षिक गतिविधियों के संचालन, अनुसंधान, सर्वेक्षण आदि को तैयार करने में सहयोग करेगा। यह कौशल विकास के क्षेत्र में मदद करेगा, उन्होंने कहा।
एनसीईई के कार्यकारी निदेशक डॉ वी.के. दुबे ने सहकारी उद्यमों में युवाओं को शामिल करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में सहकारी समितियों की स्थापना से रोजगार के अवसर पैदा होंगे। सहकारी समितियां निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों के बीच एक प्रभावी चैनल के रूप में कार्य कर सकती हैं।
डॉ ए.आर. श्रीनाथ, वरिष्ठ सलाहकार ने कहा कि इस समझौते से काफी मदद मिलेगी।
बैठक में उपस्थित एसवीएसयू की स्किल एसोसिएट प्रोफेसर डॉ अंशु भारद्वाज ने भी विभिन्न गतिविधियों में युवाओं और महिला समुदायों की भागीदारी पर अपने विचार व्यक्त किए।
इस मौके पर दोनों पक्षों के बीच यह सहमति व्यक्त की गई कि, एनसीयूआई-एसवीएसयू समय-समय पर सहकारी आंदोलन की बेहतरी के लिए प्रशिक्षण और शिक्षा, कौशल विकास गतिविधियों के लिए विशेष रूप से उत्कृष्टता केंद्र बनाने पर काम करेंगे।