पुणे स्थित सेंटर फॉर इंटरनेशनल कोऑपरेशन एंड ट्रेनिंग इन एग्रीकल्चरल बैंकिंग (सिकटेब) और नेशनल कोऑपरेटिव यूनियन ऑफ इंडिया (एनसीयूआई) ने बुधवार को संयुक्त रूप से “ट्रेनिंग टेक्निक फॉर ट्रेनर ऑफ कोऑपरेटिव एंड रूरल फाइनेसिंग इंस्टीट्यूशन” नामक अंतर्राष्ट्रीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया।
इस चार दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन एनसीयूआई के अध्यक्ष दिलीप संघानी ने किया, जिसमें बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका और भारत के लगभग 50 प्रतिभागी शामिल हैं।
कार्यक्रम के विषय में प्रशिक्षण और विकास के व्यवस्थित दृष्टिकोण शामिल हैं।
एनसीयूआई के निदेशक और उद्घाटन सत्र के मॉडरेटर रितेश डे ने दावा किया कि कई विषयों पर प्रशिक्षण देने के लिए विशेषज्ञों को सूचीबद्ध किया गया है।
प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए, संघानी ने कहा कि सहकारी समितियों में बहुत प्रासंगिकता बनी हुई है क्योंकि उनके पास सदस्यों को फायदा पहुंचाने के लिए एक संस्थागत तंत्र है। उन्होंने कहा कि सहकारिता के सदस्यों को शिक्षा और मार्गदर्शन प्रदान करने के साथ-साथ सहकारी संस्थानों को पेशेवर तरीके से चलाने के लिए ‘क्षमता निर्माण ’और पर्याप्त ‘मानव संसाधन’ की आवश्यकता है।
संघानी ने कहा कि एनसीयूआई कोविड- 19 महामारी के कारण उत्पन्न चुनौतियों को जांचने और उन्हें दूर करने में मानव संसाधन विकास ’में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
सिकटेब की प्रशंसा करते हुए एनसीयूआई के अध्यक्ष ने कहा कि यह संगठनों में कार्यरत कर्मियों के प्रशिक्षण को एकीकृत करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है, जो अभिनव और बहु-विषयक दृष्टिकोण के माध्यम से ग्रामीण विकास गतिविधियों को बढ़ावा और वित्तपोषण कर रही हैं।
इस अवसर पर डॉ के.के. त्रिपाठी, निदेशक, सिकटेब और डॉ डी रवि, सलाहकार, सीकटेब ने भी अपना संबोधन दिया। सिकटेब और एनसीयूआई के मुख्य कार्यकारी एन सत्यनारायण ने अतिथियों का स्वागत किया।
रितेश डे ने उद्घाटन सत्र की शुरुआत की और के एन सिंह कार्यक्रम निदेशक ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया।