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महेश बैंक घोटाले में कोर्ट ने आरबीआई और केन्द्रीय रजिस्ट्रार से मांगा जवाब

एपी महेश अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक में 300 करोड़ रुपये के घोटाले के मद्देनजर तेलंगाना उच्च न्यायालय ने केंद्रीय रजिस्ट्रार और आरबीआई से जवाब मांगा है।

पाठकों को याद होगा कि महेश बैंक के शेयरहोल्डर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बोर्ड पर 300 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया है।

सुप्रीम कोर्ट के वकील दिलजीत सिंह अहलूवालियाजो जमाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व कर रहे हैंने अदालत में अपनी दलील पेश करते हुए बैंक के निदेशक मंडल को निलंबित करने और सुप्रीम कोर्ट या उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश को प्रशासक के रूप में नियुक्त करने की वकालत की है।

इस बीचएपी महेश अर्बन कोऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष रमेश बंग ने पिछले सप्ताह केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात की थी।

बैठक के दौरान बंग ने मंत्री को बैंक से जुड़ी गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने मंत्री को शॉल और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित भी किया। बैठक 10-15 मिनट तक चली। इस खबर को बंग ने व्हाट्सएप के जरिए इंडियन कोऑपरेटिव के साथ साझा किया।

इससे पहले महेश बैंक का चुनाव काफी विवादों में घिर गया था। रमेश बंग और भगवती बलदेवा की अगुवाई वाले दो पैनल चुनावी मैदान में थे। बंग के पैनल ने चुनाव में 10 सीटों पर जीत हासिल की जबकि बलदेवा पैनल केवल सीटों पर विजयी हुआ।

एपी महेश अर्बन बैंक के चुनाव से संबंधित मामले पर तेलंगाना उच्च न्यायालय में कई सुनवाई हुई थी। बाद में अदालत ने रिटर्निंग ऑफिसर एस्टर रानी जॉन को परिणाम घोषणा करने की अनुमति दी थी।

कोर्ट की अनुमति के बादरमेश कुमार बंग को यूसीबी के अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुना गया। बंग ने पुरुषोत्तमदास मंधाना का स्थान लियाजिन्हें बैंक का वरिष्ठ उपाध्यक्ष बनाया गया था। इसके अलावानिवर्तमान निदेशकों में से एक लक्ष्मीनारायण राठी को वाइस-चेयरमैन के रूप में निर्विरोध चुना गया था। राठी ने अटाल का स्थान लिया था जिन्होंने बैंक का चुनाव नहीं लड़ा था।

एपी महेश बैंक की चार राज्यों में कुल 45 शाखाएं हैं। यह एक बहु-राज्य अनुसूचित बैंक है और इसका प्रधान कार्यालय हैदराबाद में स्थित है।

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