300 करोड़ रुपये के घोटाले की खबर के मद्देनजर एपी महेश अर्बन कोऑपरेटिव बैंक ने सोमवार को एक आधिकारिक बयान जारी किया है। बैंक ने शेयरहोल्डर्स वेलफेयर असोसिएशन द्वारा लगाए गए सभी आरोपों का खंडन किया है। बता दें कि हाल ही में असोसिएशन ने बैंक के प्रबंधन के खिलाफ तेलंगाना उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। हम अपने पाठकों के लिए बैंक की ओर से जारी बयान को हूबहू नीचे छाप रहे हैं – संपादक
अंश:
शेयरहोल्डर्स वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा बैंक पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद और झूठे हैं। एसोसिएशन बैंक की छवि को धूमिल करने के उद्देश्यों से ऐसा कर रहा है।
बैंक के चेयरमैन श्री रमेश कुमार बंग ने कहा कि “एपी महेश बैंक शेयरहोल्डर्स वेलफेयर एसोसिएशन” की स्थापना कई लोगों ने अपने व्यक्तिगत लाभ के उद्देश्य से की है, जो कुछ लोगों की कठपुतली बनकर रह गया है। वे एसोसिएशन के माध्यम से अपना राजनीतिक एजेंडा चला रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि बैंक लगातार मजबूती से आगे बढ़ रहा है, जिसका कारोबार 4,450 करोड़ रुपये से अधिक का है। जिसमें 2950 करोड़ का जमा और 1500 करोड़ रुपये का अग्रिम है।
बैंक लगातार मुनाफा कमा रहा है और 2019-20 की वित्तीय रिपोर्ट के आंकड़े कुछ इस प्रकार है:
i. शुद्ध लाभ (कर से पहले) रु. 58.70 करोड़ रु।
ii. बैंक के स्वामित्व वाले फंड रु.37 करोड़ से अधिक हैं।
iii. नेट एनपीए 0% है।
iv. आरबीआई द्वारा निर्धारित न्यूनतम 9% के मुकाबले कैपिटल एडेक्वेसी रेशियो 18.09% है।
v. बैंक पिछले 41 वर्षों से लगातार लाभांश का भुगतान कर रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि एसोसिएशन आरबीआई, वित्त मंत्रालय, आदि को पत्र भेजकर तथा व्हाट्सएप और मीडिया के माध्यम से बैंक की छवि को नुकसान पहुंचा रहा है।
बंग ने कहा कि किसी भी अधिकारी से संतुष्ट प्रतिक्रिया पाने में असफल होकर, उन्होंने उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की है और यह मामला न्यायाधीन है। यह उनके परोक्ष उद्देश्यों को पूरा करने के लिए बल प्रयोग की रणनीति है। एक संस्थान की प्रतिष्ठा कई वर्षों में बनाई गई है। अपनी प्रतिष्ठा की रक्षा करना और जमाकर्ताओं का विश्वास बनाए रखना सभी का कर्तव्य है।
उमेश चंद असावा, एमडी और सीईओ ने कहा कि बैंक भारतीय रिजर्व बैंक और बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम और नियमों द्वारा जारी अधिनियमों, नियमों और दिशानिर्देशों के अनुसार कार्य कर रहा है और बैंक “वित्तीय रूप से सुदृढ़ और अच्छी तरह से प्रबंधित” की श्रेणी में आता है। बैंक को नियामकों द्वारा कभी भी दंडित नहीं किया गया।
बैंक ग्राहकों/हितधारकों से अनुरोध करता है कि कृपया इनके द्वारा लगाए गए झूठे आरोपों का शिकार न हों क्योंकि वे अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए ऐसा कर रहे हैं। हालांकि, लाखों जमाकर्ताओं और हितधारकों के हितों की रक्षा के लिए, बैंक उनके गैरकानूनी कार्यों के लिए और बैंक की छवि को धूमिल करने और बिना किसी आधार या सबूत के बैंक के खिलाफ झूठी खबरे फैलाने के विरुद्ध एसोसिएशन के खिलाफ कानूनी कारवाई करेगा।