नैनो उर्वरक की लॉन्चिंग की तारीख करीब आने के साथ, इफको के एमडी डॉ यूएस अवस्थी ने गुजरात में स्थित उर्वरक सहकारी संस्था की कलोल इकाई का दौरा किया, जहाँ उन्होंने नैनो जैव-प्रौद्योगिकी अनुसंधान केंद्र के कामकाज की समीक्षा की।
डॉ अवस्थी ने इस संबंध में हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। बता दें कि कोविड-19 के बाद इफको एमडी की यह पहली यात्रा थी। उन्होंने इस मौके पर कलोल इकाई के प्रमुख दीपक जी इनामदार और डॉ रमेश रालिया के नेतृत्व में किये जा रहे उत्कृष्ट कार्य को सराहा।
इस मौके पर उन्होंने केंद्र के प्रत्येक सेक्शन का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया। सोशल मीडिया के माध्यम से विवरण को साझा करते हुए एमडी ने लिखा, “अपनी कलोल यूनिट यात्रा के दौरान मैंने नैनो बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर के सभी वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और इंजीनियरों से मुलाकात की और कलोल में नैनो उर्वरक यूनिट का अवलोकन किया। नैनो उर्वरक संयंत्र में अच्छी प्रगति”।
एमडी ने कलोल यूनिट में इफको के पहले पेटेंट उत्पाद “डीजल एग्ज़ॉस्ट फ्लूड” निर्माण सुविधा का भी दौरा किया। एमडी ने दावा किया कि “डीजल एग्ज़ॉस्ट फ्लूड” का व्यावसायिक उत्पादन बहुत अच्छा चल रहा है।
कलोल इकाई के प्रमुख इनामदार ने लॉकडाउन के बाद संयंत्र की पहली यात्रा के लिए एमडी का धन्यवाद किया और कहा कि वह संयंत्र की बेहतरी के लिए एमडी द्वारा सुझाए गए विचारों को गंभीरता से लेंगे।
बाद में नेनो उत्पादों को विकसित करने में मदद करने वाले वैज्ञानिक डॉ रमेश रलिया ने अपने ट्विटर वॉल के माध्यम से डॉ अवस्थी का धन्यवाद किया। उन्होंने लिखा, “आदरणीय एमडी महोदय, हम आपके आने के लिए आभारी हैं। सतत और पर्यावरण के अनुकूल कृषि आदानों के लिए आपका मार्गदर्शन और दृष्टि हमें प्रेरित करती है”।
कलोल यूनिट में इफको नैनो बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर (एनबीआरसी) में स्वदेशी रूप से नैनो उत्पादों को बनाया जा रहा है। हाल ही में इफको ने अपनी आंवला इकाई में एक और नैनो लैब का शुभांरभ किया था।
कहा जाता है कि नैनो-संरचित फार्मूले पारंपरिक नाइट्रोजन रासायनिक उर्वरकों की आवश्यकता को 50% तक कम कर देंगे।
इफको के नैनो उर्वरकों के फील्ड ट्रायल मीडिया की सुर्खियां बटोर रहे हैं, जिसमें इफको के एमडी सबसे आगे हैं। वह देश भर से इसके सफल परीक्षणों की कहानियों और वीडियो पोस्ट करते रहते हैं।
विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि यदि इफको इस प्रक्रिया में सफल होता है तो न केवल भारत के लिए बल्कि दुनिया के लिए भी एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है।