कई वर्षों से चल रही जांच के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी के मामले में 124 व्यक्तियों, कंपनियों और फर्मों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया है।
इसमें मुख्य आरोपी मुकेश मोदी सहित वीरेंद्र मोदी, भरत मोदी, राहुल मोदी, रोहित मोदी, प्रियंका मोदी के नाम शामिल हैं।
सोसाइटी ने झूठे वादे करके भोले-भाले निवेशकों को अपने जाल में फंसाकर 8400 करोड़ रुपये को इधर से उधर किया है। मुख्य आरोपियों ने पोंजी स्कीम चलाकर पैसों को डायवर्ट किया था।
इस मामले में 47 हजार 500 पेजों के अभियोजन परिवाद में ग्रुप की काली कमाई और निवेशकों के पैसे से जुड़े सभी राज शामिल है। इसके लिए ईडी के अधिकारियों ने लाखों दस्तावेज, 100 से अधिक गवाहों के बयान और डिजिटल उपकरणों को खंगाला। मुख्य आरोपी मुकेश मोदी सहित 124 अन्य जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ अभियोजन शिकायत दर्ज की गई है।
आदर्श घोटाले की जांच के दौरान ही ईडी ने 7 अक्टूबर 2019 को आदर्श सोसाइटी की 1489 करोड़ की संपत्ति अटैच की थी। न्याय निर्णय अधिकरण, नई दिल्ली ने इस अटैचमेंट की पुष्टि की थी।
इसके बाद ईडी ने 2020 के जुलाई-अगस्त में देश के 7 राज्यों के 19 जिलों में संपत्तियों को कब्जे में ले लिया था। इधर इस मामले में ईडी के जयपुर रीजनल ऑफिस ने इस पूरे घोटाले की जांच में 100 से अधिक व्यक्तियों के बयान दर्ज किए।
इसी आधार पर 47500 से अधिक पेज की चार्जशीट बनाकर परिवाद दायर किया है। यह अभियोजन शिकायत में राजस्थान के अलावा हरियाणा, नई दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों में फैले 1489 करोड़ रुपए की चल और अचल संपत्तियों की कुर्की के लिए दायर की गई है।
पाठकों को याद होगा कि निवेशकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी सोशल मीडिया के माध्यम से मदद करने की गुहार लगाई थी, ताकि 21 लाख सदस्यों, 4 लाख सलाहकारों और 4000 कर्मचारियों की जान बचाई जा सके।
पिछले साल, संकटग्रस्त आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी के विरुद्ध कई निवेशकों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार और परिसमापक को याचिकाकर्ताओं का पैसा 60 दिनों के भीतर चुकाने का आदेश दिया था।