एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना वायरस के मद्देनजर सहकारी चीनी मिलें केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए कोटा का 50 प्रतिशत भी 31 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से नहीं बेच पाई।
नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज़ के अध्यक्ष जयप्रकाश दांडेगांवकर ने कहा कि पिछले साल मार्च में देशव्यापी लॉकडाउन के कारण चीनी की आपूर्ति 1 मिलियन टन कम हो गई थी।
सहकारी चीनी मिलों के चीनी स्टॉक में अवरुद्ध राशि और उन पर दैनिक बढ़ते बोझ के कारण सहकारी चीनी मिलें मुश्किल में हैं।