केंद्रीय कृषि मंत्रालय के बाद, स्वास्थ्य मंत्रालय ने हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को दुरुस्त करने के लिए सहकारी ऋणदाता एनसीडीसी का रुख किया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण और सशक्त समूह के अध्यक्ष की उपस्थिति में हुई एक उच्च-स्तरीय बैठक ने स्वास्थ्य सुविधा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) से मदद मांगी है।
भारतीय सहकारिता से बात करते हुए, एनसीडीसी के प्रबंध निदेशक सुदीप नायक ने बताया कि, “स्वास्थ्य मंत्रालय ने एनसीडीसी से कोविड के खिलाफ लड़ाई में मदद करने को कहा है और हम को-ऑपरेटिव अस्पताल को आयुष्मन सहकार योजना के तहत वित्तीय सहायता प्रदान करेंगे। देश में करीब 52 अस्पताल सहकारी समितियों द्वारा संचालित हैं। इन अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या 5,000 है। मौजूदा समय में बेड की संख्या बढ़ाने की जरूरत है”, नायक ने महसूस किया।
नायक ने आगे कहा कि देशभर में फैले एनसीडीसी के 18 क्षेत्रीय कार्यालय को-ऑपरेटिव को अस्पताल स्थापित करने या इसके बुनियादी ढांचे को अपग्रेड करने के लिए नोडल एजेंसी के रूप में काम करेंगे। एक सहकारी संस्था क्षेत्रीय कार्यालय से आवेदन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने और वित्तीय सहायता के अनुमोदन के लिए कह सकती है”, नायक ने स्पष्ट किया।
इस उच्च स्तरीय बैठक में राज्यों को कोविड-19 सुविधाओं के निर्माण की दिशा में स्वास्थ्य सुविधाओं के पुनरुत्थान के लिए राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम का सहयोग लेने की सलाह भी दी गई।
भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे में और सुधार लाने के लिए ‘आयुष्मान सहकार’ योजना का शुभारंभ किया गया था। इस योजना के तहत राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा (हेल्थकेयर) के इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए सहकारी समितियों को 10,000 करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध कराएगा।
केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने आयुष्मान सहकार का शुभारंभ किया था। ‘आयुष्मान सहकार स्कीम’ ग्रामीण क्षेत्रों में हॉस्पिटल, हेल्थकेयर व एजुकेशन इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना, आधुनिकीकरण, विस्तार, मरम्मत, रिनोवेशन को कवर करेगी। यह सहकारी अस्पतालों की मेडिकल व आयुष शिक्षा शुरू करने में मदद भी करेगी। स्कीम परिचालन जरूरतों को पूरा करने के लिए वर्किंग कैपिटल और मार्जिन मनी भी उपलब्ध कराएगी। बयान में कहा गया कि स्कीम महिलाओं की अधिकता वाली सहकारी समितियों को ब्याज में 1 फीसदी की छूट भी उपलब्ध कराएगी.