गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ लिमिटेड (जीसीएमएमएफ) के प्रबंध निदेशक आरएस सोढ़ी को बुधवार को आयोजित आईडीएफ की महसभा में सर्वसम्मति से अंतर्राष्ट्रीय डेयरी महासंघ (आईडीएफ) के बोर्ड के लिए चुना गया।
बता दें कि जीसीएमएमएफ के एमडी सोढ़ी को 10 साल के कार्यकाल में अमूल के कारोबार को 8,005 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 39,238 करोड़ रुपये तक ले जाने का श्रेय दिया जाता है।
सर्वोच्च वैश्विक डेयरी निकाय के लिए चुने जाने के तुरंत बाद सोढ़ी ने कहा, “विश्व के सबसे बड़े दूध उत्पादक देश का प्रतिनिधित्व करना और डेयरी के सतत लक्ष्यों को बढ़ावा देने में योगदान देना मेरे लिए सम्मान की बात है। यह संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों को भी पूरा करेगा।’’
बाद में “भारतीयसहकारिता” से बात करते हुए सोढ़ी ने कहा कि भारत का सहकारी दृष्टिकोण एक आवश्यक रणनीति है जिसका लक्ष्य लाखों डेयरी किसानों को मार्किट में एक समान अवसर देना है। डेयरी हमारे कृषि क्षेत्र का विकास इंजन है।
डेयरी क्षेत्र न केवल उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता वाले दूध और दूध से बने उत्पाद प्रदान करता है बल्कि डेयरी किसानों के लिए स्थायी आजीविका सुनिश्चित करने को भी ध्यान मे रखता है। सोढ़ी ने रेखांकित किया कि डेयरी क्षेत्र में प्रभावशाली विकास और आत्मनिर्भरता डेयरी किसानों, भारत सरकार, एनडीडीबी और कई अन्य हितधारकों के ठोस प्रयासों से संभव हुआ है।
अमूल के अधीन आने वाले जीसीएमएमएफ के साथ काम करने का सोढ़ी के पास 39 वर्ष का शानदार अनुभव है। वह वर्ष 2010 में जीसीएमएमएफ प्रबंध निदेशक बने थे।
उनके नेतृत्व में किसानों को अमूल द्वारा भुगतान किए गए दूध खरीद मूल्य में पिछले 10 वर्षों में 140 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
लाभकारी कीमतों और तकनीकी सहायता के माध्यम से, डॉ आरएस सोढ़ी ने अमूल के किसानों को पिछले 10 वर्षों में दूध की खरीद को 2009-10 में 91 लाख लीटर प्रति दिन से बढ़ाकर 2020-21 में 250 लाख लीटर प्रति दिन करने के लिए प्रोत्साहित किया।
प्रबंध निदेशक के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने 200 से अधिक नए उत्पादों को लॉन्च करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए भारतीय डेयरी उद्योग में डिजिटल/सोशल मीडिया मार्केटिंग नवाचारों का मार्गदर्शन किया है कि युवा पीढ़ी दूध और दूध उत्पादों की खपत को बढ़ाए।
डेयरी सहकारी समितियों में डॉ. सोढ़ी का महत्वपूर्ण योगदान है। इससे कई लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं। उनके निर्देशन ने अमूल ब्रांड को उल्लेखनीय सफलता दिलाई है।
डॉ. आरएस सोढ़ी के नेतृत्व में पशुओं की उत्पादकता में सुधार के लिए अमूल ने रणनीतिक उत्पादकता वृद्धि कार्यक्रम शुरू किया है और जानवरों की प्रजनन क्षमता में सुधार के लिए अमूल ने प्रजनन सुधार कार्यक्रम (एफआईपी) का भी शुभारंभ किया है।
इस कार्यक्रम के तहत पशु चिकित्सकों की एक समर्पित और अनुभवी टीम ने चयनित गांवों में पशु शिविरों का आयोजन किया। उनके नेतृत्व में, अमूल ने पर्यावरण बचाने के लिए किसानों को जागरूक करते हुए 14 साल में 8.3 करोड़ पौधे लगाए हैं।