उत्तर प्रदेश के सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा ने पिछले सप्ताह यूपी राज्य सहकारी बैंक के मुख्यालय में स्थापित साइबर सुरक्षा केंद्र का जायजा लिया।
इस मौके पर मंत्री ने दावा किया कि गुजरात राज्य सहकारी बैंक के बाद यूपी राज्य सहकारी बैंक एकमात्र बैंक है, जो उच्च प्रौद्योगिकी के साथ एक साइबर सुरक्षा केंद्र की स्थापना कर रहा है। इससे सीबीएस के तहत चलने वाले डीसीसीबी और सहकारी समितियों को ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि इससे जमाकर्ताओं के हितों की भी रक्षा होगी।
मंत्री ने बैंक के साइबर सुरक्षा प्रकोष्ठ के कामकाज की भी सराहना की और उम्मीद की कि इसके माध्यम से सहकारी क्षेत्र के सभी बैंकों/सोसाइटियों के डिजिटल लेनदेन पर निगरानी रखी जा सकेगी।
इसके अलावा, सहकारिता मंत्री ने बैंक की वित्तीय स्थिति की भी समीक्षा की और कहा कि बैंक ने 17 हजार करोड़ रुपये से अधिक के व्यापार मिश्रण को पार किया है और 45 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया है, जो बैंक के इतिहास में सवार्धिक है। वर्मा ने कहा कि सहकारी क्षेत्र में बैंक के कामकाज से संतुष्ट, भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंक को राज्य में 13 नई शाखाएं खोलने की अनुमति दी है।
“भारतीयसहकारिता” से बात करते हुए, बैंक के एमडी भूपेंद्र विश्नोई ने कहा, “हम लखनऊ स्थित अपने मुख्यालय में साइबर सुरक्षा केंद्र की स्थापना कर रहे हैं। केंद्र की अनुमानित लागत लगभग 4 करोड़ रुपये है और गुजरात एससीबी के बाद सहकारी क्षेत्र में हमारा बैंक दूसरे स्थान पर है”।
बाद में वर्मा ने सोशल मीडिया के माध्यम से खबर को साझा करते हुए लिखा, “आज लखनऊ में उत्तर प्रदेश सहकारी बैंक लिमिटेड के मुख्यालय में आयोजित बैंक की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस मौके पर मैंने बैंक की साइबर सुरक्षा व्यवस्था का भी जायजा लिया। ‘साइबर सुरक्षा प्रणाली’ डेटा, कंप्यूटर, नेटवर्क और सॉफ्टवेयर को साइबर हमलों से दूर रखकर सुरक्षित रखने का एक शानदार तरीका है”, उन्होंने ट्वीट किया।
पाठकों को याद होगा कि हाल ही में बैंक ने मीडिया में काफी सुर्खियां बटोरी थीं, जब बैंक के अधिकारियों के खिलाफ सहकारिता विभाग में की गई अवैध भर्ती में शामिल होने के लिए एफआईआर दर्ज की गई थी।