मंगलवार को एनसीयूआई के अध्यक्ष दिलीप संघानी की अध्यक्षता में हुई सहकारी शिक्षा कोष समिति की बैठक में दिल्ली स्थित शीर्ष संस्था के मुख्यालय में बने एनसीयूआई हॉस्टल को पूरी तरह से नया रूप देने का निर्णय लिया गया।
इस बैठक में सहकारी नेताओं ने हॉस्टल को पूरी तरह से नया रूप देने के प्रस्ताव के साथ-साथ बजट को सर्वसम्मति से पारित किया।
यह महत्वपूर्ण बैठक जूम के माध्यम से हुई थी और इसमें संघानी के अलावा, मंत्रालय के प्रतिनिधि, वेमनिकॉम निदेशक, इफको और एसवीसी बैंक के अधिकारियों समेत अन्य लोग मौजूद थे।
“भारतीयसहकारिता” से बात करते हुए संघानी ने कहा कि एनसीयूआई की वर्तमान इमारत जर्जर हो चुकी है और आधुनिक सुविधाओं के साथ इसे तत्काल मरम्मत करने की आवश्यकता है। संघानी ने कहा कि एनसीयूआई द्वारा किए गए सर्वे के मुताबिक इमारत अब सुरक्षित नहीं है।
उन्होंने बताया कि, “नया भवन सात मंजिला होगा और कम से कम 100 कमरे होंगे। “मौजूदा 42 कमरों वाला एनसीयूआई हॉस्टल लगभग 50 साल पहले बनाया गया था, जब भारत की आबादी केवल 40 करोड़ थी। अब देश की जनसंख्या 130 करोड़ से अधिक हैं और 30% आबादी सहकारी आंदोलन से जुड़ीहै। हमें आधुनिक सुविधाओं के साथ और कमरों की आवश्यकता है ”, संघानी ने निर्णय के पीछे तर्क देते हुए समझाया।
कोरोना के कारण लंबे विलंब के बाद हुई बैठक में शिक्षा कोष समिति ने भवन के लिए 15.5 करोड़ रुपये का बजट पारित किया है। “हम एक ऐसी एजेंसी को काम देंगे जो दिए गए बजट में हमारी जरूरतों के हिसाब से काम को पूरा कर सके। भवन की योजना और वास्तुकला का कार्य इस उद्देश्य के लिए अनुबंधित एजेंसी द्वारा किया जाएगा”, संघानी ने योजना और वास्तुकला में शामिल लागत को कम करने के एनसीयूआई के प्रयासों की ओर इशारा करते हुए कहा।
एनसीयूआई के अध्यक्ष ने आगे कहा, “सबसे पहले संबंधित सरकारी एजेंसी की मंजूरी ली जाएगी और बाद में समाचार पत्रों में विज्ञापन दिया जाएगा। निर्धारित प्रक्रियाओं के बाद, हम काम करने के लिए एक सक्षम एजेंसी का चयन करने की उम्मीद करते हैं।
गौरतलब है कि सहकारी शिक्षा कोष समिति का कार्यकाल पहले ही समाप्त हो चुका है, लेकिन कोविड-19 प्रकोप के कारण, नई समिति का गठन होना अभी बाकी है। एनसीयूआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “नई समिति गठित करने के लिए एनसीयूआई की फाइलें मंत्रालय में 2-3 महीने से धूल फांक रही हैं।”
बता दें कि “सहकारी शिक्षा कोष समिति” में सात सदस्य होते हैं, जिसमें एनसीयूआई के अध्यक्ष, एनसीसीटी के महानिदेशक, वामनीकॉम के प्रमुख शामिल हैं। इस समिति में इफको और एसवीसी बैंक – दो बहु-राज्य सहकारी समितियां भी हैं। अन्य दो सदस्य सरकार द्वारा नामित होते हैं।
संघानी ने भी एनसीयूआई के विकास से संबंधित कई नए विचारों पर चर्चा की। वह न केवल भारत में बल्कि दुनिया में भी एनसीयूआई को प्रतिष्ठित करने के लिए कई नये विचारों पर काम कर रहे हैं।