अमूल ब्रांड नाम से डेयरी उत्पाद बेचने वाली गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (जीसीएमएमएफ) के प्रबंध निदेशक डॉ. आर एस सोढ़ी को बढ़ी हुई उत्पादकता और कुशल दूध आपूर्ति श्रृंखला के लिए “एशियाई उत्पादकता संगठन” (एपीओ), टोक्यो, जापान से एशिया पैसिफिक उत्पादकता चैंपियन के रूप में क्षेत्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पिछले 20 वर्षों में यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त करने वाले सोढ़ी पहले भारतीय हैं।
अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सोढ़ी ने कहा कि, यह भारत की दुनिया में दूध की सबसे अधिक उत्पादकता-कुशल आपूर्ति श्रृंखला होने को मान्यता है। हमारे किसानों को उपभोक्ताओं द्वारा चुकाई जाने वाली कीमत का 70 से 80 फीसदी तक मिलता है जबकि विश्व में इसका औसत 35 से 40 फीसदी है।
यहां यह ध्यान रखना दिलचस्प है कि डॉ. सोढ़ी के नेतृत्व में पिछले 11 वर्षों में सदस्य संघों के दूध संग्रह में 2.7 गुना वृद्धि हुई है। इस अवधि के दौरान दुग्ध उत्पादक सदस्यों के लिए दूध खरीद मूल्य का 2.5 गुना होने के कारण 2009-10 में प्रति दिन औसतन 91 लाख किलोग्राम से बढ़कर 2020-21 में 246 लाख किलोग्राम दूध संग्रह में यह उल्लेखनीय वृद्धि है।
वर्षों से अत्यधिक लाभकारी मूल्य चुकाने से किसानों को दूध उत्पादन में अपनी रुचि बनाए रखने में मदद मिली है और वे डेयरी गतिविधि में बेहतर रिटर्न के कारण दूध उत्पादन बढ़ाने में अपना निवेश बढ़ा रहे हैं।
एनपीसी प्रशिक्षण और परामर्श देने का काम करता है और कई क्षेत्रों में अनुसंधान करता है। यह टोक्यो स्थित एशियाई उत्पादकता संगठन (एपीओ) की उत्पादकता संवर्धन योजनाओं और कार्यक्रमों को भी लागू करता है, जो एक अंतर-सरकारी निकाय है। भारत इसका संस्थापक सदस्य है।
एपीओ सदस्य देशों के राष्ट्रीय उत्पादकता संगठनों (एनपीओ) से नामांकन आमंत्रित करता है। इसके क्षेत्रीय पुरस्कार हर पांच साल में प्रदान किए जाते हैं। यह पुरस्कार उन व्यक्तियों को प्रदान किया जाता है जिन्होंने एशिया-प्रशांत क्षेत्र में उत्पादकता के काम को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
जीसीएमएमएफ और इसके सदस्य संघों ने पिछले 22 वर्षों से न केवल विपणन, बिक्री और उत्पादन टीम के लिए बल्कि गुजरात के दूध उत्पादक सदस्यों के लिए भी विभिन्न टोटल क्वालिटी मैनेजमेंट (टीक्यूएम) कार्यक्रमों को लागू किया है।
वाणिज्यिक, वैज्ञानिक, सहकारी डेयरी फार्मिंग की अवधारणा को बढ़ावा देने के साथ-साथ सभी स्तरों पर टीक्यूएम पहल डेयरी किसानों की अगली पीढ़ी को भी व्यवसाय में बनाए रखना सुनिश्चित करती है।
विज्ञप्ति के अनुसार, जीसीएमएमएफ भारत का सबसे बड़ा खाद्य उत्पादक सहकारी संगठन है जिसने पिछले वित्त वर्ष के दौरान 53 हजार करोड़ रुपये (7.3 अरब अमेरिकी डॉलर) का ग्रुप बिक्री कारोबार हासिल किया है।
अगले पांच साल में इसे एक लाख करोड़ रुपये (14 अरब अमेरिकी डॉलर) पर पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। जीसीएमएमएफ हर साल एक नया मुकाम बना रहा है। इसके संघ के सदस्य यह सुनिश्चित करते हैं कि उपभोक्ता से मिलने वाले रुपये का लगभग 75 से 85 फीसदी हिस्सा दूध उत्पादक सदस्यों को मिले।