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आरबीआई ने उत्तर प्रदेश राज्य सहकारी बैंक को इंटरनेट बैंकिंग सुविधा शुरू करने के लिए मंजूरी दे दी है। इसके लिए राज्य सहकारी बैंक ने करीब एक साल तक कड़ी मेहनत की।
बैंक ने पिछले साल जून महीने में इंटरनेट बैंकिंग के लिए आवेदन किया था, लेकिन कई आपत्तियों के मद्देनजर आरबीआई ने बैंक से उन्हें कई मौके पर सुधारने को कहा था। अब आरबीआई से अनुमति मिलने के बाद बैंक प्रबंधन राहत की सांस ले रहा है।
बता दें कि बैंक के तत्कालीन एमडी भूपेंद्र विशोई के कार्यकाल में इंटरनेट बैंकिंग के लिए आवेदन किया गया था। यह पत्र आरबीआई के लखनऊ कार्यालय से जारी हुआ था और उस पर सहायक महाप्रबंधक एसके श्रीवास्तव के हस्ताक्षर थे।
पत्र के मुताबिक, “22 जून 2020 के आपके आवेदन के संदर्भ में, जिसमें नाबार्ड, लखनऊ के माध्यम से हमें अग्रेषित आपके ग्राहकों को लेन-देन की सुविधा के साथ इंटरनेट बैंकिंग सुविधा प्रदान करने की अनुमति मांगी गई है।”
“हमने नाबार्ड के परामर्श से आपके अनुरोध की जांच की है और आपके बैंक को हमारे परिपत्र डीसीबीआर बीपीडी (पीसीबी/आरसीबी) सर्कुलर नं.6/19.51.026/2015-16 दिनांक 05 नवंबर, 2015 में निहित सभी नियमों और शर्तों के अनुपालन के अधीन आपके ग्राहकों को लेन-देन की सुविधा के साथ इंटरनेट बैंकिंग सुविधा प्रदान करने की अनुमति देने में प्रसन्नता हो रही है”, पत्र में आगे पठित।
पत्र के अनुसार, बैंक को सलाह दी जाती है वह बैंक में इंटरनेट बैंकिंग की शुरुआत की और समय-समय पर सेवाओं में और अद्यतन/संशोधन के बारे में सूचित करे।
पत्र के अंत में कहा गया है, “आपको सलाह दी जाती है कि इंटरनेट नीति के अनुसार सभी लेन-देन पर सभी आवश्यक नियंत्रण रखें और ऑडिट करें।”
कई प्रयासों के बावजूद भारतीयसहकारिता बैंक के सहायक रजिस्ट्रार और नव नियुक्त एमडी वरुण मिश्रा की प्रतिक्रिया प्राप्त करने में सफल नहीं रहा।