इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने सहकारिता विभाग में अवैध भर्ती में शामिल होने के मामले में सहकारिता विभाग के अतिरिक्त आयुक्त हीरा लाल यादव को कोई राहत देने से इनकार कर दिया है।
न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति वीके श्रीवास्तव की खंडपीठ ने हीरालाल यादव की याचिका को खारिज करते हुए यह आदेश पारित किया।
पाठकों को याद होगा कि 2015 में अखिलेश यादव सरकार के दौरान सहकारिता विभाग में सहायक प्रबंधक और सहायक प्रबंधक (कंप्यूटर) पर हुई अवैध भर्ती के चलते विशेष जांच दल द्वारा दर्ज प्राथमिकी में यादव के खिलाफ आरोप लगे थे।