उत्तर प्रदेश स्थित मुजफ्फरनगर जिला सहकारी बैंक ने कोरोना के बावजूद भी वित्तीय मानदंडों पर अच्छा प्रदर्शन किया है। बैंक ने कुछ पैक्स समितियों को बहुउद्देश्यीय सहकारी समितियों के रूप में परिवर्तित करने की योजना बनाई है। भारतीय सहकारिता संवाददाता से बात करते हुए, बैंक के सीईओ अशोक वर्धन पाठक ने विवरण साझा किया।
डीसीसीबी ने कोविड –19 चुनौती के बावजूद 2020-21 वित्तीय वर्ष में 9.75 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया है। वित्त वर्ष 2019-20 में बैंक ने 7.28 करोड़ रुपये का लाभ कमाया था।
बैंक ने लगभग सभी वित्तीय मानकों पर अच्छा प्रदर्शन किया है और इसके सीईओ अशोक वर्धन पाठक ने कहा कि हमारे व्यापार पर कोरोना बेअसर रहा। पाठक ने बैंक को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए नई योजनाओं के बारे में भी बताया।
31 मार्च 2021 तक, बैंक का डिपॉजिट 1747 करोड़ रुपये था, जबकि बैंक की कार्यशील पूंजी 2,731 करोड़ रुपये थी और बैंक की शेयर पूंजी में 2.83 करोड़ की वृद्धि हुई थी। 30 जून 2021 तक 814.28 करोड़ रुपये की राशि बकाया थी, जिसमें से 751.07 करोड़ रुपये की वसूली की जा चुकी है। पाठक ने इस संवाददाता से फोन पर कहा की वसूली की दर 92.24 प्रतिशत पर पहुंच गई है।
भविष्य के लक्ष्यों पर प्रकाश डालते हुए बैंक के सीईओ ने कहा, “हम बिजनेस कोरस्पोंडेंट को नियुक्त करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। यह कोरस्पोंडेंट सहकारी समितियों के व्यवसाय के लिए सीधे किसानों के पास जाएंगे। उनकी नियुक्ति नियमित वेतन के आधार पर की जाएगी।
“इसके अलावा, हमने दस पैक्स समितियों को शॉर्टलिस्ट किया है जो बहुउद्देश्यीय समितियों की तरह काम करेंगी। हम उन्हें पेट्रोल पंप खोलने के लिए प्रोत्साहित करेंगे और अच्छी बात यह है कि हमें शामली और मुजफ्फरनगर जिलों में तीन डीजल पेट्रोल पंपों के निर्माण की अनुमति मिल गई है”।
“हमने पैक्स समितियों से अग्रह किया है कि वह किसानों के लिए गोदामों का निर्माण करें जिसके लिए हमारा बैंक इनको 1 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण देगा। इसके अलावा, बैंक जल्द ही ‘यूपीआई’ सुविधा प्राप्त करेगा और उसका अपना ‘आइएफएस’ कोड होगा”, पाठक ने बताया।
वर्तमान में बैंक की 44 शाखाएं हैं, जिनमें से 34 मुजफ्फरनगर में और शेष शामली जिले में हैं। उन्होंने कहा कि बैंक के पास एक मोबाइल एटीएम वैन भी है और जल्द ही कुछ दिनों में दूसरी भी मिल जाएगी।
मुजफ्फरनगर जिला सहकारी बैंक लिमिटेड, मुजफ्फरनगर की स्थापना 12 अगस्त 1927 को हुई थी।