भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने डॉ. शिवाजीराव पाटिल निलंगेकर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का लाइसेंस रद्द कर दिया है।
परिणामस्वरूप, बैंक 14 जुलाई 2021 को कारोबार अवधि की समाप्ति के पश्चात बैंकिंग कारोबार नहीं कर सकता है। सहकारिता आयुक्त और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, महाराष्ट्र से भी अनुरोध किया गया है कि वे बैंक का समापन करने और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करें।
बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और आय की संभावनाएं नहीं हैं। इस प्रकार, यह बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 11 (1) और धारा 22 (3) (डी) के प्रावधानों का पालन नहीं करता है। बैंक, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 22 (3) (ए), 22 (3) (बी), 22 (3) (सी), 22 (3) (डी) और 22 (3) (ई) की आवश्यकताओं का पालन करने में विफल रहा है।
बैंक का बने रहना उसके जमाकर्ताओं के हितों के प्रतिकूल है। बैंक अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति के साथ अपने वर्तमान जमाकर्ताओं को पूर्ण भुगतान करने में असमर्थ होगा; तथा यदि बैंक को अपने बैंकिंग व्यवसाय को जारी रखने की अनुमति दी जाती है तो जनहित प्रतिकूल रूप से प्रभावित होगा।
लाइसेंस रद्द होने के परिणामस्वरूप, डॉ. शिवाजीराव पाटिल निलंगेकर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, निलंगा, जिला. लातूर, महाराष्ट्र को तत्काल प्रभाव से बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 5 (बी) में परिभाषित ‘बैंकिंग’ व्यवसाय, जिसमें जमाराशियों को स्वीकार करने और जमा राशियों की चुकौती करना शामिल हैं, करने से प्रतिबंधित किया गया है, आरबीआई की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक।