केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि सरकार देश में नैनो उर्वरक के उत्पादन में इफको को पूरा समर्थन दे रही है। लोकसभा में एक लिखित उत्तर में मंडाविया ने कहा, “इफको ने नैनो तकनीक आधारित नैनो यूरिया (तरल) उर्वरक विकसित किया है जिसका उद्देश्य पारंपरिक यूरिया के अत्यधिक उपयोग को रोकना है।”
पीआईबी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, “सरकार देश में नैनो उर्वरकों के उत्पादन को प्रोत्साहित कर रही है। कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग ने 24 फरवरी 2021 की अधिसूचना संख्या SO884 (ई) के माध्यम से उर्वरक नियंत्रण आदेश (एफसीओ) में नैनो उर्वरक को शामिल करने के लिए अधिसूचित किया था, जो अधिसूचना में निर्धारित दिशानिर्देशों का अनिवार्य रूप से पालन करेगा।
“आगे, एफसीओ के खंड 20डी के अनुसरण में, कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग ने 24 फरवरी 2021 की अधिसूचना संख्या SO885 (E) के तहत भारत में मेसर्स इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव (इफको) द्वारा उत्पादन किए जाने वाले “नैनो यूरिया (तरल)” के संबंध में विनिर्देश को तीन साल की अवधि के लिए अधिसूचित किया था”, प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक।
मंत्री ने अपने लिखित उत्तर में यह भी कहा कि इफको नैनो का उद्देश्य फसल उत्पादकता, मिट्टी के स्वास्थ्य और उपज की पोषण गुणवत्ता में सुधार करना है।
“नैनो यूरिया” इफको के एमडी डॉ यूएस अवस्थी का एक ड्रीम प्रोजेक्ट है, जिसे उर्वरक सहकारी संस्था की मातृ इकाई कलोल से विभिन्न राज्यों के किसानों को भेजा जा रहा है। किसानों के लिए गेम चेंजर बताते हुए नैनो यूरिया की रेक को केंद्रीय मंत्रियों, सीएम, राज्यपाल समेत अन्य लोगों ने इसे हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था।
कलोल में इकाई स्थापित करने के अलावा, इफको यूपी के आंवला और ओडिशा के पारादीप में नैनो उत्पादन केंद्र खोलने की प्रक्रिया में है। बताया जा रहा है कि पारादीप में सबसे बड़ा नैनो यूरिया संयंत्र स्थापित करने की योजना बनाई जा रही है। इफको ब्राजील और अर्जेंटीना में भी नैनो यूरिया संयंत्र लगाएगी।
ऐसी खबरें सामने आई है कि देश के किसानों ने नैनो यूरिया की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। हाल ही में इफको के एमडी ने एक ट्वीट किया, जिसमें बिहार के चंपारण जिले में किसान इफको नैनो यूरिया की बोतलें खरीदने के लिए लाइन में खड़े हैं। अवस्थी ने कहा, “यह बहुत संतोषजनक है।”