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नैनो यूरिया प्रौद्योगिकी हस्तांतरण: सरकारी कंपनियों ने किया इफको के साथ एमओयू

मंगलवार का दिन इफको के लिए ऐतिहासिक दिन था क्योंकि सरकारी कंपनी नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (एनएफएल) और राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स (आरसीएफ) ने लिक्विड नैनो यूरिया के उत्पादन के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को लेकर उर्वरक सहकारी संस्था ‘इफको’ के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

समझौते के तहत इफको बिना किसी रॉयल्टी के तरल नैनो यूरिया की प्रौद्योगिकी हस्तांतरित करेगा।

इस मौके पर उपस्थित केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा, “देश के किसानों के हित में इफको प्रौद्योगिकी हस्तांतरण बिना किसी रॉयल्टी के प्रदान करेगा। इसके लिए इफको सराहना का पात्र है।”

मंडाविया के अलावा, केंद्रीय राज्य मंत्री भगवंत खुबा, मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों, इफको के उपाध्यक्ष दिलीप संघानी, प्रबंध निदेशक डॉ यू.एस.अवस्थी समेत अन्य लोग उपस्थित थे।

सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी साझा करते हुए इफको के एमडी ने लिखा, “कृषि के क्षेत्र में #इफको द्वारा बनाये गये क्रांतिकारी उत्पाद विश्व के पहले “नैनो यूरिया’ का उत्पादन बढ़ाने के लिए आज इफको ने एनएफएल व आरसीएफ के साथ टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। नैनो यूरिया आसानी से किसानों को मिलेगा व देश उर्वरक क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ेगा।”

इन समझौतों के तहत निकट भविष्य में, एनएफएल और आरसीएफ देश के किसानों को नैनो यूरिया की आपूर्ति बढ़ाने के लिए नए नैनो यूरिया उत्पादन संयंत्र स्थापित करेंगे।

मंडाविया ने कहा कि  इससे नैनो यूरिया आसानी से किसानों को मिलेगा और देश उर्वरक क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ेगा। इफको द्वारा बनाए गए नैनो यूरिया में देश में कृषि के लिए पासा पलटने वाला साबित होने की क्षमता है। भारत नैनो यूरिया का वाणिज्यिक उत्पादन शुरू करने वाला विश्व का पहला देश बन गया है।

नैनो यूरिया के वित्तीय पहलुओं पर जोर देते हुए मंडाविया ने कहा कि इससे प्रत्यक्ष बचत के अलावा परिवहन लागत में भी कमी आएगी। नैनो यूरिया का भंडारण भी किसानों के लिए आसान होगा। प्रत्यक्ष वित्तीय बचत, परिवहन लागत में कमी और बेहतर उत्पादन से किसानों की आय में वृद्धि होगी।

उन्होंने कहा, “मुझे जानकारी मिली है कि इफको ने जून में नैनो यूरिया का उत्पादन शुरू किया और 25 जुलाई तक दो महीने से भी कम समय में इसने 8.28 लाख नैनो यूरिया बोतलों का उत्पादन कर किसानों को आपूर्ति कराई है।

लेकिन भारत जैसे कृषि प्रधान देश के लिए यह आवश्यक है कि नैनो यूरिया का उत्पादन और बढ़े। उर्वरक के क्षेत्र में कार्यरत अन्य सरकारी संस्थाओं को भी इस कार्य में शामिल किया जाना चाहिए। आज मेरे लिए खुशी की बात है कि नैनो यूरिया के प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए इफको द्वारा एनएफएल और आरसीएफ के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए, मंत्री ने कहा।

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