केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन, डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने मंगलवार को प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पी.एम.एम.एस.वाई.) के अंतर्गत मछली किसान उत्पादक संगठनों (एफ.एफ.पी.ओ.) के गठन एवं संवर्धन पर पहली बार एक अनोखी(अपनी तरह की) हैंडबुक जारी की।
इस अवसर पर राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार नायक तथा जतिंद्र नाथ स्वैन, सचिव, मत्स्य पालन विभाग, भारत सरकार उपस्थित थे।
यह हैंडबुक सहकारिता के रूप में एफ.एफ.पी.ओ. की स्थापना के लिए पथ प्रशस्त करती है तथा एनसीडीसी से जुड़े समुदाय आधारित व्यापार संगठन द्वारा उठाए जाने वाले सरल उपायों का वर्णन करता है ।
रूपाला ने बताया कि पी.एम.एम.एस.वाई., मछुआरों के लिए एक प्रमुख योजना एफ.एफ.पी.ओ. की स्थापना के लिए वित्तीय एवं तकनीकी सहायता प्रदान करती है, जो मछली किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने एवं हमारे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा परिकल्पित आत्मनिर्भर बनाने की ओर लाभ हेतु मोल-तोल की शक्ति को बढ़ाने में सहायक है।
“हम पिछले कई महीनों से एफ.एफ.पी.ओ. के संवर्धन के लिए विभिन्न जागरूकता एवं संवेदीकरण कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। नायक ने कहा कि एनसीडीसी ने देश में एफ.एफ.पी.ओ. सहकारिताओं के पंजीकरण में अपना मार्गदर्शन प्रदान किया है।
इस मौके पर स्वैन ने कहा कि मत्स्य पालन विभाग ने देश में 500 एफ.एफ.पी.ओ. बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसमें से एनसीडीसी द्वारा सहकारी समिति अधिनियम के तहत पहले वर्ष में 50 एफ.एफ.पी.ओ. का गठन किया जाएगा।
लक्ष्मणराव इनामदार राष्ट्रीय सहकारिता अनुसंधान एवं विकास अकादमी(लिनाक) तथा एनसीडीसी के क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र ने चालू वर्ष के दौरान राज्य एवं जिला स्तर पर देश भर में मछुआरों व महिलाओं के लिए जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की है।