गुजरात स्थित मेहसाणा अर्बन कोऑपरेटिव बैंक ने हाल ही में अपनी 38वीं वार्षिक आम बैठक के दौरान वित्तीय आंकड़ों को साझा किया। यूसीबी ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में 11 हजार करोड़ रुपये के कुल कारोबार को पार किया है।
बैंक ने अपने शेयरधारकों के लिए 15 फीसदी लाभांश देने की घोषणा की है और इसने वित्त वर्ष 2020-21 में 86 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया, जो बैंक के इतिहास में अब तक का सर्वाधिक है। वित्त वर्ष 2019-20 की तुलना में वित्त वर्ष 2020-21 में बैंक ने सभी मापदंडों पर अच्छा प्रदर्शन किया है।
“भारतीयसहकारिता” को प्राप्त वित्तीय आंकड़ों के अनुसार “बैंक की कुल जमा राशि 5731 करोड़ रुपये से बढ़कर 6614 करोड़ रुपये हो गई है जबकि अग्रिम 3966 रुपये से बढ़कर 4606 करोड़ रुपये हो गया है।”
कोविड-19 के बावजूद बैंक का कुल कारोबार 9,697 करोड़ से बढ़कर 11,220 करोड़ रुपये हो गया और 207 करोड़ रुपये का सकल लाभ कमाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंक ने 86.78 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया है, जो पिछले वर्ष यानि 2019-20 में 70.34 करोड़ रुपये था।
इसके अलावा, शेयर पूंजी 2020-21 वित्तीय वर्ष में 304 करोड़ रुपये से बढ़कर 310 करोड़ रुपये और भंडार और अन्य फंड 418 करोड़ रुपये से बढ़कर 551 करोड़ रुपये हो गये।
बैंक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सभी 58 शाखाओं में कोर बैंकिंग सुविधा, 10 शाखाओं में स्टाम्प फ्रैंकिंग सुविधा, 28 शाखाओं में लॉकर सुविधा, बैंक गारंटी और एलसी जारी करने की सुविधा, बचत/चालू खाता धारक के साथ-साथ सदस्यों के लिए 5/- लाख रुपये के मुफ्त व्यक्तिगत दुर्घटना दावा की सुविधा है।
बैंक यूपीआई (24×7 फंड ट्रांसफर), इंटरनेट बैंकिंग (आरटीजीएस, एनईएफटी 24×7, आईएमपीएस 24×7), व्हाट्सएप बैंकिंग (बैलेंस पूछताछ, मिनी-स्टेटमेंट, ब्याज दर) सेवा भी प्रदान करता है। बैंक की स्थापना 23 अक्टूबर 1983 को हुई थी।
पाठकों को याद होगा कि बैंक पिछले कई वर्षों से गलत कारणों से सुर्खियों बटोर रहा है क्योंकि बैंक के एक सदस्य ने यूसीबी के वर्तमान अध्यक्ष गणपतभाई पटेल, सीईओ विनोद एम पटेल समेत कुछ अन्य निदेशकों के खिलाफ धन के दुरुपयोग में उनकी संलिप्तता के लिए शिकायत दर्ज की थी। फिलहाल मामला कोर्ट में लंबित है।