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सितंबर आते ही सहकारी संस्थाओं ने वार्षिक आम बैठक के सफल आयोजन के लिए कमर कस ली है। देश की राजधानी दिल्ली में कई शीर्ष सहकारी संस्थाएं हैं जो अक्सर सितंबर महीने में ही अपनी वार्षिक बैठक का आयोजन आम तौर पर एनसीयूआई सभागार में करती हैं।
इनमें से कई संस्थाओं ने तारीखों का ऐलान कर दिया है और प्रतिनिधियों के स्वागत में जुट गई हैं। एनसीयूआई 24 सितंबर को दिल्ली में अपनी एजीएम आयोजित करेगा तथा कृभको और नेफेड का आयोजन क्रमश: 16 और 17 सिंतबर को होगा।
हर साल की तरह इस साल भी उर्वरक सहकारी संस्था इफको ने अपनी बैठक का आयोजन मई माह में दिल्ली स्थित अपने मुख्यालय में हाइब्रिड मोड में किया था।
इस वर्ष कोविड-19 के मामलों में कमी के मद्देनजर सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार ने बहु-राज्य सहकारी समितियों को अपनी एजीएम शारीरिक रूप से आयोजित करने की मंजूरी दी है।
सूत्रों का कहना है कि एनसीयूआई से जुड़ी लगभग 260 सहकारी समितियों के प्रतिनिधि 24 सितंबर को होने वाली एजीएम में भाग लेंगे। एनसीयूआई के अध्यक्ष बनने के बाद दिलीप संघानी पहली बार इसकी अध्यक्षता करेंगे।
गौरतलब है कि एनसीयूआई अपनी एजीएम का आयोजन मेगा को-ऑप कॉन्फ्रेंस से ठीक एक दिन पहले कर रहा है। इस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह मुख्य अतिथि होंगे।
दूसरी सबसे बड़ी उर्वरक सहकारी कृभको भी प्रतिनिधियों के स्वागत में जुट गई है और उम्मीद है कि इस बार की बैठक में करीब 500 प्रतनिधि भाग लेंगे, जो देश के कोने-कोने से दिल्ली पधारेंगे।
नेफेड 17 सितंबर 2021 को अपनी एजीएम आयोजित कर रही है। कृषि सहकारी संस्था साल दर साल संस्था अच्छा लाभ कमा रही है। इस वर्ष नेफेड ने 494.28 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया है और संस्था के बोर्ड ने अपने शेयरधारकों को 12 फीसदी लाभांश देने का भी फैसला किया है।
इनके अलावा, शहरी सहकारी बैंकों और क्रेडिट सोसायटी की शीर्ष संस्था नेफकॉब 27 सितंबर 2021 को अपनी एजीएम आयोजित करेगी जबकि नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्री की एजीएम 22 सितंबर 2021 को होगी।
फिलहाल, फिशकोफेड, नेशनल लेबर कोऑपरेटिव फेडरेशन और नकोफ बोर्ड अपनी बैठकों की तारीखों को अंतिम रूप देने में व्यस्त हैं।
यह उल्लेखनीय है कि सारस्वत सहकारी बैंक, कॉसमॉस को-ऑपरेटिव बैंक और गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक के अन्य बहु राज्य सहकारी बैंकों ने भी 30 सितंबर से पहले अपनी बैठकें आयोजित करने की योजना बनाई है, क्योंकि बहु-राज्य सहकारी समितियों के लिए एमएससीएस अधिनियम के तहत यह अनिवार्य है।
सहकारी समितियों की एजीएम से संबंधित कार्यवाही जानने के लिए “भारतीयसहकारिता” पोर्टल पर बने रहे।