केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय सहकारी सम्मेलन के दौरान उर्वरक सहकारी संस्था इफको द्वारा विकसित “नैनो यूरिया” की काफी प्रशंसा की।
इस मौके पर शाह ने देश में हरित क्रांति को सफल बनाने में इफको की भूमिका का वर्णन किया। उन्होंने इफको द्वारा निर्मित दुनिया के पहले नैनो तरल यूरिया की सराहना की। उन्होंने इसे कृषि क्षेत्र में एक क्रांति बताया।
शाह ने कहा कि पूरा सहकारी समुदाय किसानों के लाभ के लिए कृषि क्षेत्र को बदलने के इस नेक प्रयास की सराहना कर रहा है।
सम्मेलन में केंद्रीय सहकारिता मंत्री ने सहकारी मॉडल की तुलना अन्यों से करते हुए कहा कि इफको जैसी बड़ी कंपनी किसानों को अपने शुद्ध लाभ में भागीदार बनाती है, जो सहकारिता का मूल मंत्र है।
शाह ने कहा कि इफको का गठन 1967 में 57 सहकारी समितियों के साथ हुआ था और आज इसके 36,000 से अधिक सहकारी समितियां सदस्य हैं जिससे लगभग 5.5 करोड़ किसान जुड़े हुए हैं।
शाह ने कहा कि आमतौर पर जब कोई बहुत बड़ी कंपनी मुनाफा कमाती है तो उसका बड़ा हिस्सा मालिकों की जेब में जाता है। लेकिन सहकारी मॉडल में ऐसा नहीं है। इफको आज जो कुछ भी कमाएगा उसका एक-एक पैसा 5.5 करोड़ किसानों के खाते में जाएगा और इसे “सहकार” कहा जाता है।