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इलैक्ट्रानिक्स और आईटी मंत्रालय के अधीन सामान्य सेवा केन्द्रों ने अन्तिम छोर पर ग्रामीण स्तर के उद्यमियों (वीएलई) के नेटवर्क के माध्यम से किसानों को उर्वरक और कृषि आदान उपलब्ध कराने के लिए कृभको के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
समझौता ज्ञापन के अनुसार, सीएससी, कृभको उत्पादों की बिक्री और वितरण की सुविधा प्रदान करेगा जिसमें कृभको उर्वरक जैसे, आयातित यूरिया, डीएपी, एनपीके/एनपीएस, जैव उर्वरक, शहरी कम्पोस्ट, जिंक सल्फेट, प्रमाणित बीज, संकर बीज और शीरा से बना पोटाश शामिल है।
कृभको उर्वरकों, कृषि आदानों, बीजों के उत्पादन, आयात और विपणन का कारोबार कर रही है। सीएससी, कृभको के उत्पादों के सुचारू और कुशल वितरण के लिए अपनी ई – प्लेटफार्म तकनीक का उपयोग करेगा, कृभको की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक।
सीएससी, एसपीवी, ग्रामीण स्तर के उद्यमियों और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के माध्यम से किसानों, खेतिहर, ग्रामीण स्तर के उद्यमियों के माध्यम से नागरिकों को सहयोग और व्यापार की सुविधा प्रदान कर रहा है जो बुआई, खाद, कटाई, भण्डारण, प्रसंस्करण और कृषि उपज तथा कृषि उत्पादों की बिक्री सहित कृषि और खेती से संबंधित सभी कार्यकलापों को सुविधाजनक बनाने में लगे हुए हैं।
इस साझेदारी पर सीएससी एसपीवी के प्रबंध निदेशक, डा. दिनेश त्यागी, आईएएस ने कहा है कि कृभको के साथ हमारी साझेदारी किसानों और वंचित समुदाय, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की सेवा में सरकार के एजेंडे को आगे बढ़ाने की दिशा में बढ़ता हुआ एक कदम है। सीएससी में अंतिम छोर पर आपूर्ति हमारी गतिविधियों का एक महत्वपूर्ण पहलू है और यह साझेदारी विश्वसनीय और गुणवत्तापूर्ण कृषि आदानों की समय पर आपूर्ति के साथ गांवों में किसानों और नागरिकों तक पहुंचने में हमारी मदद करेगी।
कृभको के प्रबंध निदेशक, राजन चौधरी ने कहा कि कृभको किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है, उन्होंने उल्लेख किया कि कोविड महामारी के प्रभाव के परिणामस्वरूप संस्थान, कार्य का प्रबंधन करने के लिए डिजिटल हो रहे हैं और इसी दौरान लोगों को तकनीक की समझ भी आ गई है। उन्होंने यह भी कहा कि कृषि व्यवसायी खुदरा विक्रेताओं के रूप में एफपीओ कृषक समुदाय को ‘’कृषि उत्पादक’’ से ‘’कृषि उद्यमी’’ में बदल देंगे।
सीएससी ने किसानों को कृषि आदानों की आपूर्ति के लिए जिस आईसीटी प्लेटफार्म को विकसित किया है वह उसकी अत्यधिक सराहना करते थे। उन्होंने इस तथ्य पर जोर दिया कि दोनों संस्थानों के किसानों की समृद्धि और कल्याण सुनिश्चित करने के एक समान उद्देश्य हैं। उन्होंने इस साझेदारी को मजबूत करने और आने वाले समय में व्यापार बढ़ाने का दृढ़ संकल्प लिया।