महाराष्ट्र स्थित अभ्युदय को-ऑपरेटिव बैंक वित्त वर्ष 2020-21 में कई वित्तीय मानकों पर अच्छा प्रदर्शन करने में असफल रहा। बैंक के लाभ में 12 करोड़ रुपये से अधिक की कमी आई है और एनपीए स्तर में बढ़ोतरी हुई है।
इसके अलावा, बैंक के निदेशक मंडल ने वितरण योग्य लाभ की अपर्याप्तता के कारण वर्ष 2020-21 के लिए शेयरधारकों को लाभांश वितरित करने में असमर्थता दिखाई है। लेकिन अच्छी बात यह है कि कोविड-19 चुनौतियों के बावजूद बैंक ने 31 मार्च 2021 तक 17,500 करोड़ से अधिक का कारोबार हासिल किया है।
जब ‘भारतीयसहकारिता” ने बैंक के एमडी प्रेमनाथ एस सालियन से वित्तीय रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया जानने के लिए संपर्क किया, तो उन्होंने इस संवाददाता द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब नहीं दिया।
बैंक का कुल कारोबार वित्त वर्ष 2019-20 में 17,492 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2020-21 में 17,663 करोड़ रुपये हो गया। 31 मार्च 2021 तक बैंक की जमा राशि 10,838 करोड़ रुपये से बढ़कर 10,952 करोड़ रुपये हो गई, जबकि ऋण और अग्रिम 6,654 करोड़ रुपये से बढ़कर 6,711 करोड़ रुपये हो गए।
वित्त वर्ष 2020-21 में बैंक ने 3.55 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया। पहले यह राशि 16.22 करोड़ रुपये थी। बैंक की वेबसाइट पर जारी वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, “वित्तीय वर्ष के दौरान बैंक ने पिछले वर्ष के 1089 करोड़ रुपये के मुकाबले 1109 करोड़ रुपये की सकल आय अर्जित की है। बैंक को चालू वर्ष के लाभ से बीडीडीआर के लिए 5.57 करोड़ रुपये का प्रावधान करना पड़ा। इसलिए एमएससीएस के तहत प्रावधान करने के बाद वर्ष के लिए विनियोग के लिए उपलब्ध शुद्ध लाभ पिछले वर्ष के 16.22 करोड़ रुपये के मुकाबले 3.55 करोड़ रुपये रहा।
वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान सकल एनपीए बढ़कर 11.66 प्रतिशत और शुद्ध एनपीए 7.76 प्रतिशत हो गया है। 31 मार्च 2020 तक, सकल और शुद्ध एनपीए क्रमशः 6.91 प्रतिशत और 3.82 प्रतिशत थे। “बैंक ने दावा किया कि कोविड-19 के कारण, वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान ऋण और अग्रिम की वसूली बुरी तरह प्रभावित हुई है।
31 मार्च 2020 तक बैंक की चुकता शेयर पूंजी 161.63 करोड़ रुपये से बढ़कर 167.67 करोड़ रुपये और कार्यशील पूंजी 12,600 करोड़ रुपये से बढ़कर 13,155 करोड़ रुपये हो गई।
बैंक की कई राज्यों में 111 शाखाओं का नेटवर्क है, जिसमें से 59 शाखाएं सप्ताह के सभी सातों दिन ग्राहकों को सेवा प्रदान कर रही हैं।