भारतीय रिज़र्व बैंक ने मदुरा सौराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक पर पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचा (एसएएफ़) के तहत जारी निदेशों का अननुपालन/उल्लंघन करने के लिए 2.50 लाख (दो लाख पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है।
यह दंड आरबीआई द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का पालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है।