राजस्थान स्थित कोटा सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में 3.27 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया है, जो बैंक के इतिहास में अब तक का सर्वाधिक है। बैंक की हाल ही में हुई वार्षिक आम बैठक के दौरान ये आंकड़े साझा किये गये। इस बैठक की अध्यक्षता बैंक प्रशासक और जिला कलेक्टर उज्जवल राठौर ने की।
आमसभा का आयोजन वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से किया गया था, जिसमें ग्राम सेवा सहकारी समितियों, क्रय विक्रय सहकारी समितियों एवं अन्य सहकारी समितियों से जुड़े 165 लोग मौजूद थे।
इस मौके पर बैंक के प्रबंध निदेशक बलविंदर सिंह गिल (अतिरिक्त रजिस्ट्रार) ने ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसे सदस्यों ने सर्वसम्मति से पारित किया। आम सभा में वर्ष 2021-22 हेतु 62 करोड़ 20 लाख़ का प्रस्तावित बजट को भी सर्वसम्मति से पारित किया गया।
31 मार्च 2021 तक, बैंक की शेयर पूंजी और नेट वर्थ क्रमशः 42.47 करोड़ और 49.67 करोड़ रुपये रही। वित्त वर्ष 2020-21 में बैंक की जमा राशि 487 करोड़ रुपये से बढ़कर 560 करोड़ रुपये हो गई। बैंक का शुद्ध एनपीए 3.37% रहा।
“भारतीयसहकारिता” से बात करते हुए, गिल ने कहा, “हमने श्रीनाथपुरम में अपना नया प्रधान कार्यालय बनाने का निर्णय लिया है और सभी औपचारिकताएँ पूरी कर ली गई हैं। कुछ दिनों में निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। परियोजना की कुल अनुमानित लागत 3 करोड़ रुपये होगी। निर्माण पूरा करने की समय सीमा एक वर्ष है और यह दो मंजिला इमारत होगी”।
बता दें कि बैंक की कोटा में 11 शाखाएँ हैं और 148 से अधिक पैक्स बैंक से जुड़ी हैं। कोटा डीसीसीबी किसानों को शून्य ब्याज दर पर ऋण भी प्रदान कर रहा है। कोटा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कोटा की स्थापना 1 फरवरी 1927 को हुई थी।