केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गत शनिवार को अपनी उत्तराखंड यात्रा के दौरान देहरादून में मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना और सहकारी समितियों के कम्प्यूटरीकरण का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केन्द्रीय मंत्री अजय भट्ट सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
अपने संबोधन में, शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार एक कार्ययोजना बना रही है जिसके अंतर्गत देशभर के सभी पैक्स को कम्प्यूटराइज्ड करके उन्हें ज़िला बैंक, राज्य सहकारी बैंक और नाबार्ड के साथ जोड़ने का प्रयास किया जाएगा।
“सहकारी आंदोलन को पिछली सरकारों ने क्षीण कर दिया लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आज़ादी के अमृत वर्ष में एक नया सहकारिता मंत्रालय बनाकर सहकारिता से जुड़े हुए देश के करोड़ों किसानों, महिलाओं, श्रमिकों, मछुआरों आदि के कल्याण के लिए बहुत बड़ा काम किया है”, उन्होंने कहा।
शाह ने कहा कि आज जो दूसरा बड़ा काम हुआ है, वह है मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना का शुभारंभ। हम जानते हैं कि उत्तराखंड में पहाड़ों में विपरीत मौसम में पशुओं के लिए चारा पहुंचाने में हमारी माताओं और बहनों को बहुत दिक़्क़त होती है। यहां लगभग लगभग 2,000 किसान लगभग 1,000 एकड़ भूमि पर मक्के की खेती करेंगे और उससे वैज्ञानिक तरीक़े से पौष्टिक पशु आहार बनाने की योजना बनी है जिसका फ़ायदा लगभग एक लाख किसानों तक पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि तीसरा काम आज हुआ है, वह है कोऑपरेटिव ट्रेनिंग सेंटर का उद्घाटन।
शाह ने कहा, “मैंने अपनी पिछली यात्रा के दौरान कहा था कि अटल जी ने उत्तराखंड बनाया है और मोदी जी इसे संवारेंगे और उत्तराखंड का चहुंमुखी विकास होगा”।
उन्होंने कहा कि गंगाजल के वितरण के लिए सहकारिता के माध्यम से एक नया काम शुरू हुआ है इससे देशभर के मां गंगा में श्रद्धा रखने वाले श्रद्धालुओं को घर बैठे गंगाजल मिलेगा और उनके मोक्ष का रास्ता भी खुलेगा।
“केदारधाम क्षत-विक्षत हो गया था. आने वाली 5 तारीख को प्रधानमंत्री जी वहां पर भगवान आदि शंकराचार्य की एक विशाल मूर्ति का लोकार्पण करने वाले हैं. उसके साथ हमने देशभर के शिवालय को जोड़ा है। बद्रीनाथ का काम चालू हो गया, केदारनाथ का पुनर्निर्माण पूरा होने वाला है और चारधाम के लिए 11,680 करोड़ रुपए के खर्चे से 890 किलोमीटर की सभी मौसम में चालू रहने वाली चार लेन सड़क का काम आज समाप्ति की ओर है”, उन्होंने कहा।
अमित शाह का यह दौरा राज्य के आगामी चुनावों के प्रचार अभियान की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है। उत्तराखंड में नए साल की पहली छमाही में चुनाव होने की संभावना है। विपक्षी नेताओं ने टिप्पणी की है कि शाह सहकारी राजनीति के माध्यम से चुनावी लाभ हासिल करना चाहते हैं।