भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) ने महाराष्ट्र के यवतमाल स्थित बाबाजी दाते महिला सहकारी बैंक लिमिटेड पर दिशा-निर्देश जारी किये हैं।
इसके तहत 08 नवंबर 2021 को कारोबार की समाप्ति से उक्त बैंक आरबीआई से लिखित रूप में पूर्व अनुमति लिए बिना, कोई भी ऋण और अग्रिम मंजूर नहीं करेंगे या उसका नवीकरण नहीं करेंगे, कोई निवेश नहीं करेंगे, निधियाँ उधार लेने और नई जमाराशियाँ स्वीकार करने सहित अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेंगे, कोई भुगतान नहीं करेंगे और न ही भुगतान करने के लिए सहमत होंगे भले ही, भुगतान उनकी देनदारियों और दायित्वों की चुकौती से या अन्यथा संबंधित क्यों न हो, कोई समझौता या इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं करेंगे और रिज़र्व बैंक के दिनांक 08 नवंबर 2021 के निदेश, जिसकी प्रति जनता के हितबद्ध सदस्यों के अवलोकनार्थ बैंक परिसर में प्रदर्शित की गई हैं, में अधिसूचित के अलावा अपनी किसी भी संपत्ति या आस्ति को न तो बेचेंगे, न अंतरित करेंगे या अन्यथा रीति से उसका निपटान करेंगे, आरबीआई की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक।
बैंक की वर्तमान चलनिधि स्थिति को ध्यान में रखते हुए, सभी बचत बैंक या चालू खातों या जमाकर्ता के किसी अन्य खाते में कुल शेष राशि से 5000/- (पांच हजार रुपये मात्र) से अधिक की राशि निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, लेकिन जमाराशियों के विरुद्ध ऋणों को समायोजित करने की अनुमति उपरोक्त रिज़र्व बैंक निदेशों में उल्लिखित शर्तों के अधीन है।
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपरोक्त निदेश का यह अर्थ न लगाया जाए कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है। बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार करना जारी रखेगा। रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर इन निदेशों में संशोधन करने पर विचार कर सकता है।
ये निदेश 08 नवंबर 2021 को कारोबार की समाप्ति से छह महीने की अवधि के लिए लागू रहेंगे और समीक्षाधीन रहेंगे।