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कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड का लाभ सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश के कृषि उद्यमियों ने उठाया है।
सरकारी सूत्रों का कहना है कि इस योजना के तहत मध्य प्रदेश के करीब 1331 कृषि उद्यमियों ने ऋण लिया है। इसके अलावा, 351 पैक्स समितियों ने भी लाभ उठाया है।
सूची में शीर्ष पर दूसरा राज्य आंध्र प्रदेश है जहां लगभग 1424 कृषि परियोजनाओं को इस योजना के माध्यम से वित्त पोषित किया गया है। इस कोष से बड़ी संख्या में पैक्स (1367) ने ऋण लिया है। कृषि अवसंरचना कोष से ऋण प्राप्त करने वाले 826 से अधिक पैक्स के साथ कर्नाटक तीसरे स्थान पर है।
कृषि अवसंरचना कोष का लक्ष्य 2025-2026 तक मध्यम अवधि के ऋण वित्तपोषण की सुविधा प्रदान करना है। अब तक इस योजना के तहत कुल 8488 परियोजनाओं को 6098 करोड़ रुपए की ऋण राशि के साथ स्वीकृत किया गया है, जिसमें से 4003 परियोजनाओं के लिए 2071 करोड़ रुपये का वितरण किया गया है।
यह जानकारी केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने मंगलवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
पाठकों को याद होगा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020 में अपने बजट भाषण के दौरान घोषणा की थी कि फार्म-गेट और एग्रीगेशन पॉइंट्स (प्राथमिक कृषि सहकारी समितियाँ, किसान उत्पादक संगठन, कृषि उद्यमी, स्टार्ट-अप, आदि) पर कृषि अवसंरचना परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए 1,00,000 करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे।
मंगलवार को लोकसभा में मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, देश में 53 कृषि स्टार्ट-अप हैं जिन्हें इस योजना के तहत वित्त पोषित किया जा रहा है। इसी तरह इस योजना से लाभान्वित होने वाले एफपीओ की संख्या भी बहुत कम (61) है।
हालांकि, एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर फंड का व्यापक रूप से पैक्स द्वारा राज्यों के साथ-साथ देश भर में फैले कृषि उद्यमियों द्वारा उपयोग किया जा रहा है। 5067 पैक्स और लगभग 2576 उद्यमियों ने अब तक इस ऋण का लाभ उठाया है।
पूर्वोत्तर के राज्य जैसे अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम इस फंड का उपयोग करने में पीछे हैं। ऐसा ही हाल बिहार राज्य का है जो मुख्य रूप से एक कृषि प्रधान राज्य है। बिहार में अब तक केवल 65 संस्थानों, जिनमें से 40 पैक्स हैं, ने इस योजना के तहत ऋण लिया है।