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अपने लखनऊ दौरे के दौरान केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कई विकास परियोजनाओं की शुरूआत की। इस अवसर पर केन्द्रीय सहकारिता राज्यमंत्री बी एल वर्मा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
इस अवसर पर अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि 75 साल के बाद सहकारिता मंत्रालय बनाने का काम मोदी जी ने पूरा किया है। मोदी जी द्वारा इस मंत्रालय के गठन की घोषणा के साथ ही करोड़ों लोगों के साथ न्याय करने का काम हुआ है। बहुत सालों से देशभर की कोऑपरेटिव संस्थाओं को ये आस थी कि कभी तो कोई आएगा और सहकारिता को केन्द्र बिंदु में लाने के लिए सहकारिता मंत्रालय का गठन करेगा। मोदी जी ने देशभर के करोड़ों किसानों की इस इच्छा को आज़ादी के 75वें साल में पूरा करने का काम किया है, पीआईबी की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक।
अमित शाह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में हर क्षेत्र से भ्रष्टाचार मिटाने का काम योगी जी ने किया। पूरी व्यवस्था चरमराई हुई थी और हर जगह भ्रष्टाचार और परिवारवाद का बोलबाला था। पिछली सरकारों के शासन में प्रदेश का सहकारिता विभाग भी भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ था लेकिन अब इसमें पारदर्शिता आई है और बैंकों की साख बढ़ी है और अब यह सेवा का माध्यम बनकर प्रदेश की 22 करोड़ जनता की सेवा कर रहा है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि अगर देश के सभी पैक्स का कम्प्यूटरीकरण कर दिया जाए तो इसमें घपले की संभावना ख़त्म हो जाएगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने तय किया है कि देश के 65,000 पैक्स को कम्प्यूटराइज़्ड किया जाएगा और सभी को एक ही सॉफ़्टवेयर से जोड़ा जाएगा।
पैक्स को ज़िला सहकारी बैंक से, ज़िला सहकारी बैंक को राज्य सहकारी बैंक से और राज्य सहकारी बैंक को नाबार्ड से जोड़ा जाएगा।
उत्तर प्रदेश सहकारिता विभाग ने 46,000 से अधिक कोऑपरेटिव्स में परदर्शिता लाने के लिए बहुत बड़ा अभियान चलाया है। उन्होंने कहा कि जब मोदी जी ने सहकारिता मंत्रालय बनाया तब कई लोगों ने पूछा कि इससे क्या फ़ायदा होगा।
कृषि ऋण वितरण का 19 प्रतिशत सहकारिता विभाग के माध्यम से होता है, लगभग 35 प्रतिशत उर्वरक वितरण सहकारिता विभाग के माध्यम से होता है, खाद का उत्पादन 25 प्रतिशत सहकारी संस्थानों द्वारा होता है, 22 प्रतिशत दूध का उत्पादन और क्रय सहकारिता के माध्यम से होता है, गेहूं की खरीदी 13 प्रतिशत, धान की खरीदी 20 प्रतिशत और 21 प्रतिशत मछुआरों का कामकाज सहकारिता विभाग के माध्यम से होता है।
देश के ग्रामीण अर्थतंत्र के विकास में सहकारिता रीढ़ की हड्डी है जिसे मज़बूत करने का काम देश के प्रधानमंत्री जी ने किया है। देशभर में 8,55,000 सहकारी समितिया अनेक क्षेत्रों में फैली हैं और छोटे-छोटे समूहों को जोड़कर बहुत बड़ा काम कर रही हैं, उन्होंने कहा।